सोनू पंजाबन का सेक्स रैकेट चलाने का तरीका भी था अलग
एचआर ब्रेकिंग न्यूज
नई दिल्ली। सोनू पंजबान नाम तो सुना ही होगा नहीं सुना हो तो हम बता देते हैं। सोनू पंजाबन सेक्स रैकेट की दुनिया में बड़ा नाम है। कई केस इस पर चल रहे हैं और हाल ही सोनू पंजाबन को 24 साल की सजा सुनाई गई है। सोनू पंजाबन को 12 साल की नाबालिग लड़की को जबरन वश्यावृति के धंधे में धकेलने के मामले में सजा सुनाई गई है। मामला 2017 का है।
सोनू पंजाबन की कहानी शुरू होती है हरियाणा के रोहतक से। सोनू पंजाबन के पिता हरियाणा के रोहतक से रोजगार के लिए दिल्ली में आए थे। यहां आकर वह लक्ष्मी नगर में रहने लगे और ऑटो चलाकर पूरे परिवार का गुजारा करने लगे। 10वीं पास करने के बाद सोनू ने ब्यूटी पार्लर काम शुरू किया। कुछ टाइम बाद वह जिस्मफरोशी करने लगी। एक कॉरपोरेट कंपनी की तरह वह सेक्स रैकेट चलाती थी। हुस्न के जाल में फांसकर सोनू ने कई बदमाशों से शादी की। पति एनकाउंटर में मारे जाते रहे और सोनू का बिजनस फैलता गया। पुलिस के लिए सिरदर्द बनी तो मकोका भी लगा लेकिन फिर भी सोनू पंजाबन बचकर निकल गई। मात्र 17 साल की उम्र में उसने हरियाणा के हिस्ट्रीशीटर विजय के साथ शादी कर ली जो कि यूपी के गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला का भी करीबी था। यूपी एसटीएफ ने विजय को 2003 में हापुड़ में मार गिराया था। इसके बाद उसने पावर और पैसे के लिए सेक्स रैकेट चलाना शुरू कर दिया। फिर आपराधिक संरक्षण के लिए उसने बदमाश दीपक सोनू के साथ शादी कर ली, जो कि 2004 में मुठभेड़ में मारा गया। फिर उसने दीपक के छोटे भाई हेमंत सोनू से सोनू ने शादी की। वह भी 2006 में एनकाउंटर में ढेर हो गया।
गीता अरोड़ा यहीं से ही सोनू पंजाबन बन गई। वह हेमंत के दोस्त अशोक बंटी के नजदीक आ गई, जिसने उसे बड़े पैमाने पर सेक्स रैकेट चलाने का आइडिया दिया था। कुछ टाइम बाद अशोक भी मारा गया। अब तक सोनू का काला कारोबार नई ऊंचाइयां छू चुका था। एक कंपनी की तरह उसने कई लड़कों को दलाल के तौर पर रखा जाता था। जिनका काम कम उम्र की लड़कियों को फांसकर लाना होता था।
सोनू पंजाबन कई मॉडल और स्कूल-कॉलेज की लड़कियां तक वह सप्लाई करने लगी। पुलिस अफसरों का कहना है कि सोनू पंजाबन जिस्मफरोशी का धंधा संगठित तरीके से करती रही है। वह फ्रीलांस कॉल गर्ल्स को क्लाइंट्स के पास भेजती, जिनमें ज्यादातर स्कूल-कॉलेज की छात्राएं रहती थीं। वह वॉट्सऐप मेसेज और विडियो कॉल के जरिए ही संपर्क में रहती थी और लड़कियों को क्लाइंट के पास भेजने का 30 प्रतिशत कमिशन लेती थी। जो आमतौर पर 20 से 25 हजार रुपये होता था। वह ज्यादातर लेन-देन ई-वॉलेट के जरिए करती थी, ताकि पुलिस को सबूत न मिल सके। सोनू पर मर्डर समेत कई मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन उसे सजा पहली बार हुई है।