Haryana news: हरियाणा के ये 2 शातिर 'नटवरलाल' 200 खातों से ऑनलाइन उड़ा चुके हैं 1 करोड़ रुपये, पढ़ें पूरी कहानी

जयपुर पुलिस (Jaipur Police) ने राजस्थान और इससे सटे दिल्ली तथा हरियाणा (Rajasthan Delhi and Haryana) में सायबर ठगी (Cyber Fraud) करने वाली एक अंतराज्यीय गैंग (Interstate Gang) का खुलासा किया है.
 

गिरोह में शामिल दो बदमाश एटीएम कार्ड (ATM Card) बदलकर लोगों के खाते से पैसे निकालने की वारदातें करते हैं. ये दोनों बदमाश पिछले तीन साल में करीब एक करोड़ से ज्यादा की रकम खातों से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर निकाल चुके हैं.

जयपुर पुलिस का दावा है कि पिछले करीब 3 बरसों में दोनों बदमाशों ने 200 से ज्यादा लोगों से ठगी की है. इस गिरोह के पास 27 अलग अलग बैंकों के 103 एटीएम कार्ड मिले हैं. इसके अलावा एक कार और 30 हजार रुपये भी बरामद हुये हैं. ये दोनों बदमाश कार से ही अलग अलग शहरों में जाकर ठगी करते हैं.


जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की डीसीपी ऋचा तोमर ने इसका खुलासा करते हुये बताया कि बगरू थाना पुलिस ने यह कार्रवाई की है. बगरू पुलिस की गिरफ्त में आए शातिर ठग शाकिब उर्फ कालू खां और विक्रम उर्फ संदीप जाट है.

ये दोनों ही हरियाणा के झज्जर और पलवल के रहने वाले हैं. ये दोनों बदमाश एटीएम बूथ में रुपये निकालने गए लोगों के पास खड़े हो जाते हैं. जो लोग रुपये नहीं निकाल पाते हैं उनकी मदद करने के बहाने पिन नंबर देख लेते हैं.

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3 से 4 किलोमीटर दूर जाकर करते हैं वारदात


इसके बाद पीड़ित को बातों में लगाकर कैशलैस ट्रांजेक्शन का बटन दबा देते हैं. जब पीड़ित एटीएम में मोबाइल नंबर टाइप करता है तब तक उसका एटीएम कार्ड बदल कर अपने पास रख लेते हैं. इसके बाद उसी एटीएम कार्ड से करीब 3 से 4 किलोमीटर दूर स्थित एटीएम पर जाकर रकम निकाल लेते हैं. दोनों बदमाश इस तरह की दर्जनों वारदातें कर चुके हैं.


अधिकतम ट्रांजेक्शन सीमा तक खाते से रुपये निकाल लेते हैं


डीसीपी ने बताया कि यह गैंग सिर्फ उसी व्यक्ति के खाते से रुपये निकालते हैं जिसके खाते में कम से कम 10 हजार रुपये होते हैं. इसके लिए गैंग के बदमाश पीड़ित को मदद के बहाने सबसे पहले बेलेंस चैक कर लेते हैं. एटीएम कार्ड बदलने के बाद दोनों बदमाश उस कार्ड की अधिकतम ट्रांजेक्शन सीमा तक खाते से रुपये निकालते हैं.


गैंग अपने पास स्वैप मशीन भी रखती है


इसके अलावा यह गैंग अपने पास स्वैप मशीन भी रखती है. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर खाते से रुपये निकालने के अलावा ये लोग पीड़ित व्यक्ति के एटीएम कार्ड को स्वैप कर ऑनलाइन शॉपिंग भी करते हैं.

उनसे ये महंगा सामान भी मंगवाते हैं. गिरोह का इरादा होता है कि जब तक पीड़ित को उसके बैंक खाते से रुपये निकलने का चले तब तक उस खाते से अधिकतम रकम का ट्रांजेक्शन कर लें.


मेवात के ठगों से किराये पर ले रखी है स्वैप मशीन


ठग गिरोह ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उन्होंने स्वैप मशीन को बदमाशों ने मेवात इलाके में ही किसी व्यक्ति से किराए पर लिया है. वह ट्रांजेक्शन होने वाली रकम का 20 प्रतिशत कमीशन लेता है. ठगी की वारदात के बाद यह गिरोह इन मशीनों को वापस मेवात क्षेत्र में पहुंचकर लौटा देता है और कमीशन की रकम भी उस व्यक्ति को दे देता है.