बोर्डिंग पास से लेकर कोरोना रिपोर्ट तक सब नकली और सपना लंदन जाने का
DELHI NEWS: दिल्ली एयरपोर्ट से 7 लोगों को फर्जी बोर्डिंग पास पर यात्रा करने के प्रयास में काबू किया गया है। हैरानी की बात तो ये है कि 7 लोग दिल्ली से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-333 के लिए इमिग्रेशन भी क्लियर कर चुके हैं।
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अगर बोर्डिंग गेट पर लास्ट चेक में इन्हें पकड़ा नहीं जाता तो वो हवाई जहाज में सवार होकर लंदन भी पहुंच जाते। रीवैरिफिकेशन में पता चला कि पैसेंजर्स की लिस्ट में इनका नाम नहीं था।
इन आरोपियों की पहचान अरमानदीप सिंह, अमृतपाल सिंह, जगदीप सिंह, गुरविंदर सिंह, राहुल जांगड़ा, दीपक और मनबीर के रूप में हुई है। इन सातों को फर्जी डॉक्यूमेंट पंकज, रंजीत और कृष्णा नाम के एजेंटों ने बनाकर दिए थे।
इस मामले में पुलिस ने कहा कि सात लोगों ने अपने बोर्डिंग पास, निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज के लिए दिल्ली के एजेंटों को 12 लाख रुपये का पेमेंट किया था। एजेंटों ने उन्हें ब्रिटेन में परमानेंट सेटलमेंट का आश्वासन दिया था।
ऐसे पकड़े गए
इनके एजेंटों को पता था की अगर यात्री बोर्डिंग पास लेने के लिए काउंटर पर जाएंगे तो पकड़े जाएंगे, इसलिए उन्होंने फर्जी बोर्डिंग पास इन्हें उपलब्ध कराए थे।
यूपी के भदोही में पुलिस ने मास्टरमाइंड पंकज का पता लगाने में कामयाबी हासिल की और उसे काबू कर लिया है। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (IGI एयरपोर्ट) संजय ने बताया कि पंकज और उसके सहयोगी रंजीत और कृष्णा ने फर्जी बोर्डिंग पास की व्यवस्था की थी।
खुद की बताई ये पहचान
काबू किए गए यात्रियों ने खुलासा किया कि वे सभी भारत के DG शिपिंग के अप्रूव्ड CDC (कंटीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट) पर यूके जा रहे थे। उन्होंने इमिग्रेशन पर खुद को सेलर बताया था।
उनका प्लान था कि यूके पहुंचने के बाद वे CDC दस्तावेजों को नष्ट कर देंगे और यूके सरकार से शरण मांगेंगे।