29 साल बाद हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा, हिसार उपायुक्त ने दर्ज करवाया धोखाधड़ी का केस

HR BREAKING NEWS. हरियाणा के हिसार जिले में 29 साल बाद एक ऐसे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसे जानकर पूरे DC महकमे और पुलिस दोनों के ही होश उड़ गए। उपायुक्त कार्यालय का सेवादार फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर DC का असिस्टेंट बन गया और अब रिटायर होकर सरकार से तमाम फंड, भत्ते व
 

HR BREAKING NEWS. हरियाणा के हिसार जिले में 29 साल बाद एक ऐसे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसे जानकर पूरे DC महकमे और पुलिस दोनों के ही होश उड़ गए। उपायुक्त कार्यालय का सेवादार फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर DC का असिस्टेंट बन गया और अब रिटायर होकर सरकार से तमाम फंड, भत्ते व असिस्टेंट पद की पेंशन का फायदा उठा रहा है।

प्रशासन के पास पहुंची एक शिकायत पर SDM ने जांच पड़ताल कराई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जांच कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर डीसी प्रियंका सोनी ने आरोपी सेवानिवृत्त असिस्टेंट गंगा बिशन के खिलाफ आईपीसी 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज करवाया है। वहीं पेंशन और भत्ते भी रुकवा दिए गए हैं।

1992 में सेवादार से बना था क्लर्क
आजाद नगर की अफसर कॉलोनी निवासी गंगा बिशन उपायुक्त कार्यालय हिसार में सेवादार के पद पर कार्यरत था। गंगा बिशन ने 1992 में 10वीं पास का सर्टिफिकेट जमा करवा कर क्लर्क के पद पर प्रमोशन ले ली। इसके बाद 14 जनवरी 2014 को क्लर्क के पद से असिस्टेंट के पद पर प्रमोशन ले ली और साढ़े तीन साल तक असिस्टेंट के पद पर नियुक्त रहने के बाद 31 जुलाई 2017 को सेवानिवृत्त हो गया। सेवानिवृत्त होने के बाद गंगा बिशन ने सरकार से तमाम फंड, भत्ते ले लिए व असिस्टेंट पद की पेंशन भी लेनी शुरू कर दी।

कमिश्नर को भेजी शिकायत पर हुई जांच

रेंज कमिश्नर को गंगा बिशन द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर प्रमोशन लेने की शिकायत मिली थी, जिसकी जांच का जिम्मा SDM को सौंपा गया। जांच में हरियाणा बोर्ड ने गंगा बिशन के सर्टिफिकेट को फर्जी करार दिया। इसके बाद 2 बार गंगा बिशन को इस पर जवाब देने के लिए मौका दिया गया, लेकिन उसने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर प्रमोशन पाने के मामले में SDM ने पूरी जांच रिपोर्ट हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को भेज दी है। इसके इलावा गंगा बिशन को फिर से फीडर के पद पर डिमोट करने व 10 साल की पेंशन राशि में 25 फीसदी कटौती के आदेश जारी हुए हैं। फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर पदोन्नति लेने पर उपायुक्त ने पुलिस को शिकायत देकर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया है।