Success Story - पत्रिका में नौकरशाही के लेख को पढ़कर हुई प्रेरित, बनी आईएएस ऑफिसर
 

आज हम आपको हमारी सक्सेस स्टोरी में ऐसी कहानी बताने जा रहे है। जिसमें एक पत्रिका में लिखें नौकरशाही के लेख को पढ़कर प्रेरित हुई ये आईएएस ऑफिसर। आइए जानते है इनकी सफलता की पूरी कहानी। 
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam) को सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को अक्सर प्लान बी तैयार रखने की सलाह दी जाती है.

आज हम बात करने जा रहे हैं हरियाणा के पानीपत की रहने वाली आईएएस सोनल गोयल (Sonal Goel) की, जिनके पिता ने यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी के दौरान उन्हें प्लान बी तैयार रखने को कहा था. हालांकि, उन्हें कोई और प्लान की जरूरत नहीं थी क्योंकि वह ऑल इंडिया रैंक 13 हासिल करके सफल हो गई थीं.


कुछ ऐसे शुरू हुआ था सोनल गोयल का करियर-


सोनल गोयल (Sonal Goel) का जन्म हरियाणा के पानीपत में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली में की. 12वीं के बाद सोनल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया और दिल्ली से सीएस की डिग्री हासिल की.


कुछ ऐसे लिया आईएएस अधिकारी बनने का फैसला-


यूपीएससी पाठशाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोनल ने कहा कि पहले उन्हें सिविल सेवा परीक्षा के बारे में पता भी नहीं था लेकिन एक पत्रिका में नौकरशाह पर लिखे लेख को पढ़कर आईएएस अधिकारी बनने का फैसला किया. सोनल गोयल ने कहा, 'सीएस की पढ़ाई के दौरान जब मैंने अपने परिवार को आईएएस अधिकारी बनने के अपने फैसले के बारे में बताया, तो मेरे पिता नहीं चाहते थे कि मैं यूपीएससी की तैयारी करूं.' सोनल ने कहा, 'मेरे पिता जानते थे कि यूपीएससी की परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हालांकि उन्हें पता था कि मैं स्मार्ट हूं लेकिन उन्होंने कहा कि अगर मुझे परीक्षा देनी है तो मुझे प्लान बी भी तैयार रखना चाहिए.'

दूसरी बार में सफल हुईं सोनल गोयल-


सोनल गोयल ने यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया, लेकिन उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में एलएलबी कोर्स करना शुरू कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने एक फर्म में कंपनी सेक्रेटरी के तौर पर भी काम किया. सोनल गोयल ने अपनी नौकरी और एलएलबी की पढ़ाई के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी और वर्ष 2006 में वह पहली बार सफल नहीं हुईं.

कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने वर्ष 2007 में दूसरी बार परीक्षा दी और पूरे भारत में 13वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने में सफल रहीं.