Success Story- पिता गाड़ियों का पंचर लगाकर करता था घर का गुजारा, अब बेटा बनेगा बीडीओ अफसर
 

कहते हैं कि लक्ष्य को पाने की ठान ली जाए तो रास्ते में आने वाली सारी बाधाएं दूर हो जाती है। आज हम आपको हमारी सक्सेस स्टोरी में ऐसी कहानी बताने जा रहे है जिसमें पिता गाड़ियों के पंचर लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। तो आज वहीं उनका बेटा अपनी मेहनत के दम पर बना बीडीओ अफसर।
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- कहते हैं कि लक्ष्य को पाने की ठान ली जाए तो रास्ते में आने वाली सारी बाधाएं दूर हो जाती है। कुछ इसी तरह का कारनामा कर दिखाया है सिकंदरा जमुई रोड स्थित पेट्रोल पंप के समीप रहने वाले मोहम्मद शमीम खान के पुत्र मोहम्मद हदीद खान उर्फ गुलाब ने हदीद 2020 में 66 वीं बीपीएससी में 80वां रैंक लाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी का पद हासिल कर लिया।

हदीद के पिता मूल रूप से सिकंदरा प्रखंड के पोहे के रहने वाले हैं। लेकिन रोजी रोटी के लिए लगभग 40 साल पहले वह सिकंदरा में ही अपना आशियाना बनाकर रहने लगे। 


वहीं हदीद ने भी पढ़ाई सिकंदरा फेयरी लैंड पब्लिक स्कूल मिडिल स्कूल एवं हाई स्कूल से पूरा किया। बता दें कि हदीद के पिता सिकंदरा जमुई रोड पेट्रोल पंप के समीप छोटी सी पंचर की दुकान चलाते हैं वही उनकी मां अमीना खातून घर के कामकाज को संभालती है। गरीबी की परवाह किए बगैर लक्ष्य को ही अपना सबकुछ मान लिया बचपन से ही पढ़ने में तेज हदीद अपनी पढ़ाई का खर्चा ट्यूशन पढ़ाकर भी निकालते थे।

उनका कहना है कि सिकंदरा की युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है बस उस प्रतिभा को जगाने और निखारने की जरूरत है। बता दें कि सिकंदरा मुस्लिम समुदाय में पहली बार कोई मुस्लिम समुदाय से बीपीएससी निकाल कर प्रखंड विकास पदाधिकारी बना है। वही उनकी सफलता से उनके माता-पिता काफी खुश हैं। 


वही मोहम्मद शमीम खान के पुत्र मोहम्मद हदीद खान 66वें बिहार प्रशासनिक सेवा की परीक्षा की सफलता में 80 बार अंक हासिल किया है। और इसे प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर चयनित किया गया। बता दे कि समीम खान बेहद गरीब परिवार से आते हैं। 

लगभग 40 वर्षों से सिकंदरा में पंचर बनाने का कार्य कर रहे हैं पंचर बनाते हुए अपने परिवार का भरण पोषण कर बच्चों को शिक्षा प्रदान किए हैं। इनके सिकंदरा जमुई रोड में वर्षों से पंचर का दुकान है इसी दुकान से परिवार का भरण पोषण कर अपने पुत्र मोहम्मद हदीद को प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर पहुंचाया।