Success Story - रिक्शा चालक के बेटे से प्रेरणा लेकर ट्रक चालक का बेटा बना गया अफसर, पढ़िए इनकी कहानी
 

आज हम आपको एक ऐसी दिलचस्प कहानी बताने जा रहे है जिसमें रिक्शा चालक के बेटे से प्रेरणा लेकर एक ट्रक चालक का बेटा अफसर बना गया। दरअसल हुआ यूं कि जब ट्रक चालक के होनहार बेटे ने  2006 में एक रिक्शा चालक के बेटे का साक्षात्कार पढ़ा तो इतना प्रेरित हुआ कि तय कर लिया कि वह भी आइएएस बनेगा। आइए जानते है इनकी पूरी कहानी। 
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- ट्रक चालक के होनहार बेटे ने जब 2006 में एक रिक्शा चालक के बेटे का साक्षात्कार पढ़ा तो इतना प्रेरित हुआ कि तय कर लिया कि वह भी आइएएस बनेगा। दो बार साक्षात्कार तक पहुंचने के बाद तीसरी बार में 551 वीं रैंक पर चयनित हुए पवनकुमार कुमावत बाड़मेर में जिला उद्योग विभाग में सहायक निदेशक है।

नागौर के सोमणा के पवन कुमार का भारतीय प्रशासनिक सेवा ( सिविल सर्विस परीक्षा) चयन हुआ है। उसे 551 वीं रैंक मिली हैं। पेशे से ट्रक चालक रामेश्वर लाल प्रजापत के इस होनहार पुत्र ने 2006 में एक रिक्शाचालक के बेटे गोविंद जायसवाल के आईएएस में चयनित होने की खबर पढ़ी तो गांठ बांध ली कि वो अब आईएएस बनकर ही दम लेगा। फिर क्या था, सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत के साथ जुट गया। पहले आरएएस में चयन हुआ। आईएएस में दो बार साक्षात्कार तक पहुंचा और इस बार 551 वीं रैक पर चयन हुआ।

ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत: नव चयनित आईएएस पवन कुमार ने बताया कि इस बार सिविल सर्विस परीक्षा में हिन्दी माध्यम के अभ्यर्थियों को भी अच्छा मौका मिला है। उनके पिता ट्रक चालक हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिलती हैं कि अल्प संसाधनों के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र के साधारण परिवार के युवा भी निरन्तर मेहनत करके सफलता हासिल कर सकते हैं।

उन्होंने क्षेत्र के युवाओं से सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि कोई भी युवा पढ़ाई व परीक्षा के संबंध में उनसे मार्गदर्शन ले सकता है।

गांव में छाई खुशी की लहर: ग्राम सोमणा सहित क्षेत्र के प्रजापत समाज में पवन के आईएएस बनने पर खुशी की लहर है। सिविल सेवा में चयन की जानकारी मिलते ही उन्हें शुभकामनाएं देने का दौर शुरू हो गया।