UPSC: मां करती थी कारखाने में काम, लोगों ने उड़ाया खराब इंग्लिश बोलने पर मजाक, ठानी ऐसी 22 साल में ही बन गए IPS 

IPS Safin Hassan Success Story: कहते हैं मन में जज्बा हो तो कुछ भी पाया जा सकता है. ऐसा ही कर दिखाया है एक है आईपीएस ऑफिसर ने. आज हम इस ऑफिसर की सफलता की कहानी बताना चाहते हैं, जिन्होंने सफल होने से पहले बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. जानें इनकी सफलता की स्टोरी..
 

HR Breaking News,(डिजिटल डेस्क):  एक दिन स्कूल में कलेक्टर मुआयना करने पहुंचे. कलेक्टर को स्कूल में मिल रहे सम्मान को एक छोटा सा बच्चा काफी गौर से देख रहा था. उसने घर जाकर पूछा कि वो बड़ा आदमी कौन था जो स्कूल में आया था. उसे बताया गया कि वो जिले का राजा था. फिर बच्चे ने पूछा कि वो राजा कैसे बनते हैं. उसे कहा गया कि उसके लिए UPSC नाम की एक एग्जाम पास करना होता है. बस, उस बच्चे ने तभी से ठान लिया कि UPSC एग्जाम पास करके ऐसा अधिकारी बनना है. ये कहानी है सबसे कम उम्र में IPS ऑफिसर बनने वाले सफीन हसन(Safin Hassan) की. सफीन ने वर्ष 2018 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा ( UPSC Civil Services Exam ) में 570वीं रैंक हासिल की. यह उनका पहला प्रयास था. आज वह गुजरात में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस हैं.

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सफीन के पिता इलेक्ट्रिशियन थे. मां पहले डायमंड के कारखाने में काम करती थी, फिर उन्होंने शादी में रोटियां बनाने का काम किया. आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के चलते उनके लिए अपने सपने पूरे करना आसान नहीं था. गुजरात में पालनपुर जिले के कनोदर गांव के रहने वाले सफीन 10वीं तक गांव के सरकारी स्कूल से पढ़े जो कि गुजराती मीडियम था. 10वीं में 92 फीसदी मार्क्स आए. प्रतिभाशाली छात्र होने के चलते उन्हें पालनपुर के एक प्राइवेट स्कूल में कम फीस में एडमिशन मिल गया.

इंग्लिश बोलने का उड़ता था मजाक


स्कूलिंग के बाद सफीन  ने सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सूरत से बीटेक किया. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'स्कूल से जब कॉलेज में आया, तब मेरा संघर्ष शुरू. साथी तब मेरी इंग्लिश बोलने के लहजे का मजाक उड़ाते थे. लेकिन मैंने अपना इंग्लिश बोलना जारी रखा.  UPSC CSE का इंटरव्यू मैंने इंग्लिश में दिया और इसमें मैंने अच्छा स्कोर किया.'

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बीटेक के बाद सफीन ने कॉलेज प्लेसमेंट में न बैठकर UPSC की तैयारी करने का फैसला लिया. वह दिल्ली गए. दिल्ली की कोचिंग, रहने व खाने का खर्चा उनके इलाके के एक बिजनेसमैन ने किया जिन्हें सफीन की प्रतिभा पर काफी भरोसा था.


इंटरव्यू से पहले रहे अस्पताल में भर्ती


एक अन्य इंटरव्यू में उन्होंने बताया, 'UPSC मेन्स के दिन सुबह 8 बजे मेरा एक्सीडेंट हो गया था. जीएसटी का पेपर था. एक हाथ घायल था. लेकिन राइड हैंड सेफ था. लेकिन मैंने परीक्षा लिखने का फैसला किया. 23 मार्च को मेरा इंटरव्यू था. 20 फरवरी को बॉडी में इंफेक्शन होने की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. काफी तेज फीवर था. 1 मार्च को ठीक हो गया. 2 मार्च को दिल्ली आया. 3 मार्च को फिर से टांसिलएटाइस का अटैक हुआ. फिर अहमदाबाद में अस्पताल में भर्ती हुआ.  15 मार्च को अस्पताल से छुट्टी मिली. फिर 16 मार्च को दिल्ली वापस आया. मेरे साथी एक माह से इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे. लेकिन मेरे अंदर पूरा कॉन्फिडेंस था. मैंने इसे एक खुद को प्रूव करने के मौके के तौर पर लिया. पूरे इंडिया में मेरे सेकेंड हाईस्ट मार्क्स आए थे. UPSC आपकी सिर्फ नॉलेज चेक नहीं कर सकता.'

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एक इंटरव्यू के दौरान सफीन ने बताया कि वह IAS ज्वॉइन करना चाहते थे. उन्होंने फिर से सिविल सेवा परीक्षा भी दी. लेकिन वह परीक्षा पास नहीं कर सके. फिर उन्होंने आईपीएस अफसर के तौर पर ही देश सेवा करने का फैसला किया.