फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग व सरकारी टीचर्स पर लगाए साइबर क्राइम का आरोप, हाईकोर्ट में दर्ज की जाएगी याचिका
HR BREAKING NEWS. कुछ दिनों से हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों के हालात खराब चल रहे हैं जिसके कारण प्राइवेट स्कूल आर्थिक तौर पर लगभग टूट चुके हैं। पिछले साल मार्च में शुरू हुए करोना काल से अब तक अनेक माध्यम के द्वारा आए दिन प्राइवेट स्कूलों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा हैं। अब पिछला सत्र समाप्त होने से पहले ही शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए MIS पोर्टल से सरकारी स्कूल के मुख्याध्यापकों द्वारा ऐसे छात्रों के नाम शिक्षा विभाग के आदेश पर हटा दिए गए जिनकी प्राइवेट स्कूलों की फीस देय थी।
प्राइवेट स्कूल संचालकों ने आरोप लगाया है कि विभाग द्वारा प्राइवेट स्कूलों के MIS पोर्टल से कई हजारों की संख्या में ऐसे छात्र को चोरी छिपे हटा दिया गया। जिसमें प्राइवेट स्कूल संचालक को यह भी नहीं मालूम हुआ कि शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए MIS पोर्टल से कितने ओर किन कारणों से हजारों की संख्या में बच्चो को चोरी छिपे हटाया गया है।
हरियाणा फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कलभूषण शर्मा ने बात करते हुए बताया कि जल्द ही फेडरेशन हाईकोर्ट में वकील से विचार विमर्श करके सरकारी स्कूलों में बिना एसएलसी के दाखिले के संबंध में एक केस दायर कर रही हैं। जिसमें सरकारी स्कूल के मुख्याध्यापकों को भी पार्टी बनाया जाएगा ओर उन्हें कोर्ट के माध्यम से नोटिस दिलवाया जाएगा, जिन्होंने शिक्षा विभाग की शह पर प्राइवेट स्कूल के अधिकारो का हनन किया हैं।
इसके लिए हमने कागजों को तैयार कर लिया हैं और बच्चे द्वारा जो प्राइवेट स्कूल की फीस देय बनती थी वह उस सरकारी स्कूल के मुख्याध्यापकों द्वारा दिलवाई जाएगी जिससे अधिकारी ओर कर्मचारी गैर कानूनी प्रक्रिया से MIS पोर्टल से बच्चे हटाने का दुस्साहस नहीं कर पाएंगे इसके साथ ही उस सरकारी स्कूल के मुख्याध्यापकों के खिलाफ भी IT एक्ट साइबर क्राइम धोखाधड़ी के तहत नोटिस दिलवाया जाएगा।
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गौरतलब है कि वर्तमान में कोरोना काल ने प्राइवेट स्कूलों की कमर तोड़ कर रख दी हैं सत्र की शुरुवात होने के कारण दाखिले का दौर शुरू हुआ था कि सरकार ने पहले 30 अप्रैल तक स्कूल बंद तो बाद में 31 मई तक छुट्टियां घोषित कर दी। जिसके कारण दाखिले की प्रक्रिया प्रभावित हुई हैं और प्राइवेट स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच गए।
फेडरेशन अध्यक्ष कलभूषण शर्मा का कहना हैं कि ऐसे प्राइवेट स्कूल भी अपनी लिस्ट तैयार करे, जिनके बच्चों को सरकारी स्कूल के मुख्याध्यापकों द्वारा उनके अधिकारों का हनन करते हुए MIS पोर्टल से हटाया गया हैं ताकि फेडरेशन द्वारा प्राइवेट स्कूलों के हितों की आवाज जोर शोर से उठाई जा सके।