Success Story : 19 साल के लड़के ने बेचना शुरू किया मार्बल, खड़ी कर दी 500 करोड़ की कंपनी, 66 देशों में चलता है कारोबार
HR Breaking News, Digital Desk - क्लासिक मार्बल कंपनी (CMC) हाई ग्रेड मार्बल और ग्रेनाइट का व्यवसाय करती है. कंपनी 66 देशों में अपने प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करती है. इस कंपनी की शुरुआत मुंबई निवासी अमित शाह ने की थी. कंपनी का यह नाम औपचारिक रूप से 2008 में अपनाया गया. हालांकि, अमित ने 1994 में ही मार्बल ट्रेडिंग के बिजनेस में कदम रख दिया था. तब वह 19 साल के थे. उनका परिवार टेक्सटाइल के बिजनेस (textile business) में था. उनके पास घर के जमे-जमाये बिजनेस से जुड़ने का भी विकल्प था, लेकिन अमित ने खुद का काम शुरू करने की ठानी.
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि मार्बल के बिजनेस में कई परेशानियां थीं. उन्होंने कहा कि यह सेक्टर गैर-संगठित, इसे समर्थन देने के लिए कोई मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी का ना होना और कच्चे माल की दुर्लभ उपलब्धता इस बिजनेस में आने वाली कुछ समस्याए थीं. मार्बल का बिजनेस इतना ज्यादा असंगठित था कि शीर्ष 10 मार्बल कंपनियों के पास दुनियाभर के कुल बिजनेस का केवल 3.76 फीसदी ही था. ऐसे में मार्बल बनाने वाली सफल कंपनी खड़ी करना बड़ी चुनौती थी.
कैसे हासिल की सफलता?
अमित के अनुसार, उन्हें शून्य से शुरुआत करनी पड़ी और सबसे पहले उन्होंने अपना नेटवर्क तैयार किया. उन्होंने दुनियाभर में लोगों से मजबूत संबंध बनाए ताकि कच्चे माल की उपलब्धता आसानी से हो सके. कई सालों तक इस क्षेत्र में एक्सपर्टीज हासिल करने के बाद 2009 में कंपनी ने अपना पहला प्लांट स्थापित किया. यह भारत में पहली कंपनी थी जहां कंपोजिट मार्बल प्रोडक्शन हो रहा था. उन्होंने बताया कि हाई-क्वॉलिटी और एक्सक्ल्यूसिव कच्चे माल तक पहुंच बनाई जिससे वह बाकी कंपनियों से ऊपर निकल गए. कलिंगास्टोन (जिस ब्रांड नाम के तबत मार्बल बेचती है कंपनी) ने न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों तक नाम बना लिया.
कंपनी की क्षमता
आज कंपनी 66 देशों में अपना प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करती है. सीएमसी के पास गुजरात में देश के सबसे बड़े मार्बल प्लांट्स में से एक है. यह 5 लाख वर्ग मीटर में फैला हुआ है. इस प्लांट में 30,000 मीट्रिक टन रॉ मार्बल ब्लॉक और 5 लाख वर्ग मीटर तैयार मार्बल स्टोर किये जा सकते हैं.
कंपनी का वित्त
कंपनी हर वर्ग को टारगेट करते हुए मार्बल बनाती है. इसलिए यह काफी सफल भी रही है. 31 मार्च 2022 में कंपनी ने एक साल में 500 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जेनरेट किया था. यह उससे पिछले साल के मुकाबले करीब 165 फीसदी अधिक था. समान अवधि में कंपनी की नेटवर्थ में 42 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ था.