Success Story: खुद आरा फैक्ट्री में करते थे काम, वहीं पिता को थी शराब की लत, फिर ऐसे किया UPSC क्रैक और बन गए IAS
 

IAS Prabhakaran Success Story: मेहनत और हौसलों में दम हो तो किस्मत भी एक दिन पलट ही जाती है। ऐसी ही कहानी है आईएएस प्रभाकरन (IAS officer Prabhakaran) की जिनका समर्पण अटूट था क्योंकि उन्होंने अपनी नौकरी  के साथ-साथ वीकेंड की पढ़ाई की कठिनाइयों को भी झेला। वहीं साथ ही परिवार को भी (How to crack UPSC exam)  संभाला। आइए विस्तार से जानते है कैसे उन्होंने हासिल की आईएएस की कुर्सी-

 

HR Breaking News, Digital Desk- एम शिवगुरु प्रभाकरन, एक ऐसे व्यक्ति जिनकी कठिनाई पर काबू पाने की कहानी हर किसी को मोटिवेट करती है, उस दुनिया में आशा (UPSC success story) की किरण के रूप में दिखाई देते हैं जहां कई लोग विशेषाधिकार की कमी के कारण आने वाली बाधाओं के सामने हार मान लेते हैं। तमिलनाडु से आने वाले प्रभाकरन के लिए आईएएस अधिकारी (IAS Exam Strategy) बनने तक की जर्नी अविश्वसनीय रही है।

कठिनाइयों पर काबू पाने की ठानी

प्रभाकरन का पालन-पोषण एग्रीकल्चर की कठिनाइयों से जूझ रहे एक परिवार में हुआ था, और उनके शुरुआती साल आर्थिक स्थिति और परिवार के भीतर संघर्ष से जूझ (how to crack UPSC Exam) रहे थे। अपनी मां और बहन को परिवार का भरण-पोषण करने के लिए इतनी कड़ी मेहनत करते हुए देखना, जबकि उनके पिता शराब की लत से जूझ रहे थे, उन्होंने कठिनाइयों पर (IAS kaise bane) काबू पाने की एक सशक्त मिसाल पेश की।

 

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ऐसी कठिन परिस्थितियों में भी प्रभाकरन का हौसला नहीं डिगा। उन्होंने शुरुआत में अपने परिवार के आरा मशीन बिजनेस को सपोर्ट करने के लिए अपने एकेडमिक (UPSC civil services exam) टारगेट्स को छोड़ दिया, लेकिन उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने के अपने टारगेट को कभी नहीं छोड़ा।

 

की सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई 

अपनी बहन की शादी के बाद, प्रभाकरन ने स्कूल वापस जाने के मौके का फायदा उठाया, अपने भाई की पढ़ाई के लिए फीस पे करने में मदद की और साथ ही गुजारा करने की भी कोशिश की। सफल होने की उनकी इच्छा ने उन्हें सिविल इंजीनियरिंग (UPSC syllabus) की पढ़ाई के लिए वेल्लोर के थानथाई पेरियार गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए मोटिवेट किया। वहां, उन्होंने अटूट समर्पण से एक शानदार करियर शुरू किया।

वीकेंड पर करते थे पढ़ाई 

प्रभाकरन का समर्पण अटूट था क्योंकि उन्होंने अपनी नौकरी की मांगों के साथ-साथ वीकेंड की पढ़ाई की कठिनाइयों को भी झेला। सेंट थॉमस माउंट रेलवे स्टेशन के (UPSC study tips) प्लेटफार्मों पर उनका आवास, जहां वे वेल्लोर में कॉलेज जाने के लिए यात्रा करते थे, उनके समर्पण को पूरी तरह से दर्शाता है। 2014 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी - मद्रास (आईआईटी-एम) के लिए एंट्रेंस एग्जाम पास करने की उनकी उपलब्धि नॉलेज के प्रति उनकी अटूट खोज का रिजल्ट था।

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ऐसे बने आईएएस अधिकारी 

आने वाली कठिनाइयों के बावजूद, प्रभाकरन ने यूपीएससी परीक्षा पास करने पर अपना फोकस किया,  लेकिन हर असफलता ने उनकी सफल होने की इच्छा को और (Indian Administrative services) मजबूत किया। प्रभाकरन की दृढ़ता को उनके चौथे अटेंप्ट में फल मिला, क्योंकि उन्होंने 101 की ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) हासिल की और एक आईएएस अधिकारी बनने के लिए क्वालीफाई हुए।