Success Story : कोचिंग के बिना पहले प्रयास में बन गई IAS, हासिल की ऑल इंडिया दूसरी रैंक
HR Breaking News, Digital Desk - हर व्यक्ति की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं और यह जरूरी नहीं है कि आपको हर कदम पर सफलता हासिल हो। हार की सीढ़ियां चढ़ने के बाद ही मुकाम हासिल होता है।
अपने सपनों को दिमाग में रखकर आगे बढ़ने से सबकुछ हासिल किया जा सकता है। कुछ लोगों का तो मानना है कि केवल सबसे प्रतिभाशाली दिमाग और फर्स्ट बेंचर्स ही सिविल सेवा परीक्षा में सफल हो सकते हैं. हालांकि, आईएएस रुक्मणी रियार (IAS Rukmani Riar) ने उन सभी लोगों को गलत साबित करते हुए एक उदाहरण सेट किया है कि यह परीक्षा कोई भी उम्मीदवार पास कर सकता है, बशर्ते उसमें लगन के साथ परीक्षा की तैयारी करने का जोश हो.
बता दें कि रुक्मणि रियार (IAS Rukmani Riar Success Story) अपने स्कूली शिक्षा के दिनों में कभी भी टॉपर नहीं रहीं. दरअसल, वह छठी कक्षा में भी फेल हो गई थी. लेकिन साल 2011 में उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर ऑल इंडिया दूसरी रैंक के साथ आईएएस का पद हासिल कर लिया था.
रुक्मणी ने अपनी स्कूली शिक्षा पंजाब के गुरदासपुर से शुरू की और बाद में डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल में दाखिला ले लिया. 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह अमृतसर के गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस की पढ़ाई करने चली गईं. इसके बाद उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित टाटा इंस्टीट्यूट से सोशल साइंस में मास्टर की डिग्री हासिल की.
अपनी मास्टर डिग्री के बाद, रुक्मणी ने मैसूर में अशोदा और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल जैसे गैर सरकारी संगठनों के साथ इंटर्नशिप की. वहां रहने के दौरान रुक्मणि का जुड़ाव सिविल सर्विसेस से हो गया और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में बैठने का फैसला किया.
रुक्मणी रियार (IAS Rukmani Riar Success Story) ने साल 2011 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) क्रैक कर डाली, जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया दूसरी रैंक हासिल की. इसके अलावा बता दें कि रुक्मणि रियार ने बिना किसी कोचिंग के ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक किया था.