SDM Jyoti Maurya और जिला कमांडेंट होमगार्ड मनीष दुबे में किसके पास है ज्यादा पावर
HR Breaking News : एसडीएम ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्या का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामले में रोज नए बयान और आरोप-प्रत्यारोप सामने आ रहे हैं. एक ओर जहां यह विवाद सुर्खियों में बना हुआ है, तो लोगों के बीच पीसीएस के पदों को लेकर भी उत्सुकता बढ़ी हुई है, कि आखिर किस पोस्ट पर नौकरी कैसे मिलती है और इनमें क्या पावर होती है. लोग यह भी जानना चाह रहे हैं कि एसडीएम ज्योति मौर्या और जिला कमांडेंट होमगार्ड मनीष दुबे के बीच किसका पद बड़ा है. आइए जानते हैं पूरी जानकारी.
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बता दें कि उत्तर प्रदेश में एसडीएम और जिला कमांडेंट होमगार्ड, दोनों ही पद पीसीएस परीक्षा के माध्यम से भरे जाते हैं. लेकिन अगर दोनों पदों के बीच अंतर की बात करें तो एसडीएम का पद स्पष्ट रूप से ज्यादा बड़ा और पावरफुल होता है. गौरतलब है कि एसडीएम एक जिले में डीएम के बाद दूसरे नंबर पर आता है. एसडीएम का पद पाने के लिए यूपीपीएससी में 1-20 रैंक तक लानी होती है. जबकि होमगार्ड जिला कमांडेंट या डीएसपी रैंक का पद पाने के लिए 20 से 70 के बीच रैंक की जरूरत होती है.
कैसे मिलती है पोस्ट
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एसडीएम की पोस्ट पाने के लिए आपको यूपी पीसीएस परीक्षा पास करनी होगी. इसके लिए आपको प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू क्लियर करना होगा. वहीं जिला कमांडेंट होमगार्ड के लिए इन तीनों चरणों के साथ शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करनी होती है. जिसमें उम्मीदवार के सीने की लंबाई और चौड़ाई को भी मापा जाता है.