सरकारी स्कीम का उठाएं फायदा, फूल मौज में कटेगा बुढ़ापा 

Retirement : पूरी जिंदगी की भाग दौड़ के बाद रिटायरमेंट (Retirement) की बहुत सी प्लानिंग लोग करते हैं. इसके लिए अलग अलग निवेश भी किये जाते हैं. लेकिन सरकारी स्कीम ऐसी है जो निश्चित तौर पर आपको आपके बुढ़ापे में एक स्थिरता देगी.
 

HR BREAKING NEWS :नई दिल्लीः इस स्कीम में निवेश करके के हर महीने थोड़ी थोड़ी सेविंग करके आप अपने बुढ़ापे को सुखद बना सकते हैं.


स्कीम के जरिए 60 साल के बाद आपको हर महीने 5000 तक की पेंशन मिल सकती है. लेकिन ये इस पर निर्भर करता है कि आप हर महीने स्कीम में कितना निवेश कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं अटल पेंशन योजना की, भारत सरकार की इस पेंशन योजना (pension scheme) को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.


अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) के तहत 18 से 40 साल तक के लोग नॉमिनेशन कर सकते हैं. आवेदक के पास बैंक या डाकघर में सेविंग अकाउंट होना चाहिए.

Atal Pension Yojana: मस्ती से कटेगा बुढ़ापा, हर माह खाते में आएंगे 5 हजार रुपए

इसमें रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन 1,000-5,000 रुपए तक मिल जाएगी. अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) इंडिया पोस्ट की ब्रांच में भी उपलब्ध है, जो कोर-बैंकिंग सॉल्यूशन को सपोर्ट कर रहा है.


अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) के तहत पांच तय मासिक पेंशन ऑप्शन दिये गये हैं, इसमें आपको 60 साल की उम्र में 1,000, 2,000, 3,000, 4,000 और 5000 रुपये तक मंथली पेंशन मिल सकती है.

Atal Pension Yojana: मस्ती से कटेगा बुढ़ापा, हर माह खाते में आएंगे 5 हजार रुपए

रजिस्ट्रेशन के समय आपने जिस राशि को मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर चुनना जरुरी होता है. वो सीधे आपके अकाउंट से काट लिया जाता है. 


हर महीने आपके अकाउंट से कटने वाली राशि 42 रुपए से लेकर 1454 रुपए तक जो आप चाहें वो हो सकती है. पहली किस्त रजिस्ट्रेशन के समय कस्टमर के सेविंग अकाउंट से काटना शुरु कर दिया जाता है.

ऑटो डेबिट सुविधा को आप अप्रैल महीने में चेंज किया जा सकता है. अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) न्यूनतम पेंशन की गारंटी मिलना शुरु हो जाती है.

Atal Pension Yojana: मस्ती से कटेगा बुढ़ापा, हर माह खाते में आएंगे 5 हजार रुपए

यानी कि सरकार योगदान की अवधि में मिले रिटर्न के मुकाबले वास्तविक रिटर्न में किसी भी कमी को कवर कर सकते हैं, दूसरी ओर, सब्सक्राइबर को हाई रिटर्न का पेमेंट करना होता है.