Sukanya Samriddhi Yojana: तीन बेटियों वालों की लगी लॉटरी, मोदी सरकार देगी बड़ा तोहफा

Sukanya samriddhi yojana in hindi : सुकन्या समृद्धि योजना में अभी 7.6 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है। इसमें निवेश करने वालों को सालाना 1.50 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स छूट मिलती है। आईये जानते हैं सरकार की इस योजना से बेटियों को क्या मिलने वाला है।

 

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। यदि आप बेटी के पिता हैं तो मानिए कि आप बहुत सौभाग्यशाली हैं। केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) भी आपकी इसी खुशी को और बढ़ाने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) चला रही है। सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश बेहतर विकल्प है। 

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जिसके तहत बेटी के नाम से सुकन्या खाता (Sukanya account) खोलने और उसमें हर साल निश्चित राशि जमा करने पर भविष्य में एक मुश्त राशि का लाभ मिलता है। बेटियों की उच्च-शिक्षा, शादी आदि के लिए इस योजना में निवेश कर बड़ा फंड इकट्ठा किया जा सकता है।

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सरकार ने Sukanya Samriddhi Yojana में ये किए गए हैं बदलाव


केंद्र सरकार (central government) ने इस योजना से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए इसमें कई अहम बदलाव कर दिए हैं। अभी तक इस योजना का लाभ दो बेटियों वाले माता पिता को मिलता था।

लेकिन अब सरकार ने नया बदलाव करते हुए तीन बेटियों के माता पिता को भी इस योजना का लाभ प्रदान किया है। सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में अभी 7.6 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है। इसमें निवेश करने वालों को सालाना 1.50 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स छूट मिलती है। 

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आईये जानते हैं क्या-क्या हुए हैं बदलाव


सुकन्या समृद्धि योजना में अब 3 बेटियों वाले माता पिता को भी शामिल किया गया है। इस योजना में निवेश (Investment) करने वाले मां-बाप को पहले 2 बेटियों के खाते पर ही इनकम टैक्स से छूट मिलती थी। अब इसमें बदलाव कर तीसरी बेटी के लिए भी छूट लागू कर दिया गया है।

 


दूसरा अहम बदलाव खाते के संचालन को लेकर है। अभी तक खाताधारक बेटी पहले 10 साल की उम्र के बाद से ही अपने अकाउंट (account) को संचालित कर सकती थी। लेकिन अब वह ऐसा 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद ही कर पाएगी। बेटी के मां-बाप या अभिभावक (Guardian) ही उसके 18 साल पूरी होने तक अकाउंट ऑपरेट कर सकेंगे।

 


तीसरा बदलाव : अब खाता बंद करने को लेकर भी बदलाव हुए हैं। मैच्योरिटी (maturity) से पहले ही बेटी के गुजर जाने या उसका पता बदलने पर इस योजना का अकाउंट बंद किया जा सकता था। लेकिन अब अगर बेटी को कोई जानलेवा बीमारी हो जाए तो भी खाता बंद कराया जा सकता है।

 


चौथा बदलाव : अब हर साल निवेश (Investment)  की बाध्यता भी खत्म हो गई है। पहले नियम यह था कि अगर कम से कम 250 रुपये हर साल इस अकाउंट (account) में जमा नहीं किया जाता था तो अकाउंट ड‍िफॉल्‍ट हो जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मैच्योरिटी तक जमा की गई जितनी भी राशि होगी उस ब्याज दिया जाएगा।