अब घर बैठें फ्री ले सकते हैं कानूनी सलाह, जानिये पूरा प्रोसेस

Free advocate helpline number : अब आम जनता कॉमन सर्विस सेंटर (common service center) के माध्यम से कंप्यूटर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या मोबाइल के माध्यम से कानूनी सलाह ले सकते हैं। इसके लिए टेली लॉ (tele law) के जरिए अधिकृत वकीलों के पैनल कानूनी सलाह (Legal advice) के लिए अधिकृत की गई है।
 

HR BREAKING NEWS  पैनल जरूरत के हिसाब से कानूनी तथ्यों को विस्तार से बताएगी। कॉमन सर्विस सेंटर पर जनरल कैटेगरी के पुरुषों से 30 रुपए और बाकी कैटेगरी के लोगों को निशुल्क कानूनी सलाह की सेवा आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। अब तक जिले के विभिन्न हिस्सों से 200 से अधिक लोगों की कानूनी सलाह के लिए पंजीकरण भी कराई जा चुकी है।

 

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सर्विस सेंटर में जाकर करना होगा पंजीकरण


विभिन्न तरह के केसों के बारे में लोग आसानी से सलाह ले सकेंगे। इस व्यवस्था से लोग लाभान्वित होंगे। आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानी से भी बचा जा सकता है। यहां तक कि कानूनी सलाह लेने के लिए व्यक्ति को सिर्फ अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर पंजीकरण कराना होगा ।

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वहां पंजीकरण में मोबाइल नंबर भी देना होगा। उसके बाद संबंधित व्यक्ति के पास एस एम एस (SMS) के जरिए अपॉइंटमेंट की तिथि और समय की जानकारी मिल जाएगी। निर्धारित तिथि और समय पर पुनः उसी सेंटर पर पहुंचकर व्यक्ति पैनल के चिन्हित वकील (Advocate) से फोन या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने केस या कानूनी पहलुओं की पूरी जानकारी ले सकेगा।

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इन मामलों में मिलेगी सलाह (Legal advice will be given in these cases)


बताया गया है कि दहेज, पारिवारिक विवाद, तलाक, घरेलू हिंसा से बचाव, महिला, बच्चे और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण, महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न एवं दुर्व्यवहार, छेड़छाड़, जमीन जायदाद व संपत्ति का अधिकार, महिला और पुरुषों के लिए समान मजदूरी, मातृत्व लाभ, लिंग जांच, भ्रूण हत्या रोकथाम, बाल विवाह रोकथाम, बच्चों के यौन शोषण से संबंधित संरक्षण, बाल मजदूरी, बच्चों की शिक्षा के अधिकार, प्राथमिकी लिखवाने और जानने की प्रक्रिया, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के प्रति अत्याचार और पुनर्वास की जानकारी ले सकते हैं। 

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इन लोगों के लिए सुविधा फ्री


महिलाएं, 18 साल से कम उम्र के बच्चे, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के सदस्य, श्रमिक मजदूर, दिव्यांग, जातीय हिंसा देह दुर्व्यवहार से पीड़ित, गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर कर रहे लोगों को निःशुल्क कानूनी सलाह दी जानी है। 
इस संदर्भ में सीएससी के जिला प्रबंधक नीतीश कुमार व रवि कुमार ने बताया कि जिले के चिन्हित केंद्रों पर पंजीकरण की सुविधा शुरू कर दी है। इससे आम लोगों को फायदा होगा और उनका खर्च भी न के बराबर होगा क्योंकि छोटे से केस में भी वकील करने पर लोगों के हजारों रुपये लग जाते है।