NH-48 अब दिल्ली की तरह NCR के इस हाइवे पर भी स्पीड लिमिट होगी लागू, जानिए ट्रैफिक पुलिस का प्लान

speed limit on NH 48 Gurugram News: अगर आप भी हाईवे (Highway) पर तेज गाड़ी चलाने के शौकिन है तो यह खबर आपके लिए है। अब दिल्ली की तरह एनसीआर (NCR) के इस हाईवे पर भी वाहनों की स्पीड लिमिट (Speed Limit) तय की जाएगी। जिसको लेकर ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) ने अपनी पुरी योजना तैयार कर ली है। आइए नीचे खबर मे जानते है एनएच 48 (NH 48) पर तय नई स्पीड लिमिट
 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Gurugram Traffice Police: गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस अगली जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में डीसीपी को एनएच -48 पर 28 किमी की दूरी पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा को कम करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी. यह दूरी सिरहौल टोल से मानेसर में एनएसजी परिसर तक है. ये जानकारी ट्रैफिक अधिकारियों ने मंगलवार को दी. अधिकारियों ने कहा कि सड़क का यह स्ट्रेच घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कट जाता है इसलिए इसको कम गति सीमा के साथ एक शहर की प्रमुख सड़क के रूप में माना जाना चाहिए.

 

स्पीड 90 से घटाकर 70 किमी करने की योजना
गुरुग्राम के डीसीपी ट्रैफिक रविंदर सिंह तोमर ने कहा कि जिस तरह दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने पिछले साल जून में राजधानी में सड़कों पर गति सीमा कम कर दी थी, उसी तरह गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस भी कारों की अधिकतम स्पीड को कम करने की सिफारिश करेगी. 28 किमी की दूरी तक कारों के लिए 70 किमी प्रति घंटे और भारी वाहनों की 40 किमी प्रति घंटे तक स्पीड रखी जाएगी. जबकि वर्तमान में कारों की स्पीड लिमिट 90 किमी प्रति घंटे और ट्रकों के लिए 50 किमी प्रति घंटे है. वहीं बाइकों के लिए स्पीड लिमिट 50 किमी प्रति घंटे रहेगी.

 


NH-48 पर लगभग 20% दुर्घटनाएं अधिक स्पीड से
रविंदर सिंह तोमर ने कहा कि बता दें कि NH-48 हाइवे के दोनों ओर घनी आबादी है और यह शहर के बीच से होकर गुजरता है. पिछली सड़क सुरक्षा बैठक में डीसीपी से हाईवे पर स्पीड लिमिट कम करने के मुद्दे पर चर्चा की गई थी. अब हम आगे के कार्यान्वयन के लिए अगली जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उन्हें एक प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे. NH-48 पर लगभग 20% दुर्घटनाएं अधिक स्पीड के कारण होती हैं.

 


ऐसी आखिरी बैठक 27 मई को हुई 
वहीं जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें आमतौर पर हर महीने में आयोजित की जाती हैं, जहां सरकारी एजेंसियों जैसे जिला प्रशासन, गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए), एनएचएआई, गुरुग्राम नगर निगम, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी के साथ ही सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ दुर्घटना संभावित हिस्सों की पहचान करते हैं. साथ ही गुरुग्राम के भीतर के हिस्सों को सुरक्षित बनाने के लिए सुझाव और सिफारिशें देते हैं. बता दें कि इस तरह की आखिरी बैठक 27 मई को हुई थी. सड़क सुरक्षा पर इन बैठकों का नेतृत्व करने वाले डीसीपी निशांत यादव ने कहा कि वह एनएचएआई के अधिकारियों को अगली बैठक में बदलावों को लागू करने का निर्देश देंगे.