Delhi की इन 4 जगहों पर घूमकर भूल जाएंगे विदेश, रहता है फॉरेन कंट्री जैसा नजारा

इंडिया में दिल्ली एक ऐसा शहर है, जहां पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से आए लोग भी रहते हैं. दिल्ली में कुछ ऐसी जगहें हैं, जो विदेशी लोगों की पहली पसंद मानी जाती है. आइए इन जगहों के बारे में विस्तार से जानते हैं.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

 

HR Breaking News (नई दिल्ली)।  तिब्बती बस्ती दिल्ली के मजनू का टीला में यमुना नदी के तट पर स्थित है. जहां तिब्बती लोग कई सालों से रह रहे हैं. 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद, कई शरणार्थी जो पहले भारत-चीन सीमा के पास अस्थायी रूप से बस गए थे, फिर वह बाद में आकर यहां पर रहने लगे. पूरी दिल्ली में इस जगह को छोटे तिब्बत के नाम से भी जाना जाता है.


दिल्ली में अधिकांश अफ्रीकी लोग किशनगढ़, वसंत कुंज, हौज रानी, नेब सराय, छतरपुर और मालवीय नगर में बस हुए हैं. इन जगहों के कुछ इलाके तो इन्हीं लोगों के नाम से ही जाने जाते हैं और यहीं पर इनके कुछ पूजा स्थल भी हैं. मिली जानकारी के अनुसार, साल 2000 से यहां पर बसे हुए हैं.


दिल्ली में एक ऐसी जगह है, जिसे आप मिनी काबुल कह सकते हैं. यह दिल्ली के सबसे व्यस्त बाजारों में से एक-लाजपत नगर से कुछ ही दूरी पर है. 1979 के बाद, जब रूस ने उनके देश पर आक्रमण किया था, तो तब अफगानिस्तान से बहुत से लोग दिल्ली आ गए थे. इन शरणार्थियों ने दक्षिणी दिल्ली में एक मिनी काबुल बनाया है. इस जगह आपको कई अफगानी लोग और उनके द्वारा चलाए जाने वाले कई रेस्टोरेंट और कई छोटी दुकानें देखने को मिलेंगी.


दिल्ली में छोटा इजराइल हुमायूं रोड और पहाड़गंज को कहा जाता है. क्योंकि इन जगहों पर यहूदी लोग रहते हैं. इन्हीं जगहों पर इनके कई प्रार्थना स्थल भी हैं. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक अंग्रेजों के वक्त से ही यहूदी लोग भारत के कई अलग-अलग इलाकों में रहते आ रहे हैं.


दिल्ली में कुछ नाइजीरियन करीबन 14 सालों से रह रहे हैं. मुनिरका, उत्तम नगर और मुखर्जी नगर की कई अनधिकृत कॉलोनियों में कई नाइजीरियाई रहते हैं. कई रिपोर्टस के अनुसार, दिल्ली में 2,500 से अधिक नाइजीरियाई हैं.