PM मोदी ने केजरीवाल को किस बात पर टोका कि केजरीवाल बोले- गुस्ताखी हुई तो माफी मांगता हूं…
HR BREAKING NEWS. PM Narendra Modi ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक इंटरनल मीटिंग की। जिसमें कोरना महामारी को लेकर सभी राज्यों की मांग व जरूरतों के बारे में जाना व कोरोना की परिस्थिति की समीक्षा की। इसी मीटिंग में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी अपनी बात रखी। इस इंटरनल मीटिंग में जब केजरीवाल ऑक्सीजन को लेकर अपनी बात कह रहे थे, तब दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय ने मीटिंग का लाइव प्रसारण कर दिया। सीएमओ दिल्ली द्वारा किए गए इस कार्य पर PM Modi ने आपत्ति जताई। उन्होंने केजरीवाल को टोकते हुए कहा कि परंपराओं के खिलाफ काम हो रहा है। जिसपर केजरीवाल ने इस पर कहा कि गुस्ताखी हुई हो तो माफी मांगता हूं।
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पढ़ीए लाइव बातचीत… किस प्रकार हुई गुस्ताखी :
- केजरीवाल ने मीटिंग के दौरान दो बार हाथ जोड़कर दिल्ली के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई की अपील की। उन्होंने कहा कि ओडिशा से ऑक्सीजन दिलवा दीजिए।
- मोदी : इस पर काम चल रहा है।
- केजरीवाल – दिल्ली के लिए और व्यवस्था करवा दीजिए।
- मोदी : मीटिंग के बीच में ही टोकते हुए – ये परंपराओं और प्रोटोकॉल के खिलाफ हो रहा है कि कोई मुख्यमंत्री ऐसी मीटिंग को लाइव टेलीकास्ट कर रहा है। ये उचित नहीं है। हर किसी को संयम का पालन करना चाहिए।केजरीवाल – अगर मेरी तरफ से कोई गुस्ताखी हुई है या आचरण में कोई गलती हुई है तो मैं इसके लिए माफी चाहता हूं। आज की प्रेजेंटेशन बहुत अच्छी थी। हमें जो निर्देश मिले हैं, हम उनका पालन करेंगे।
केंद्र ने कहा केजरीवाल ने गिरा दिया स्तर :
सरकार के सूत्रों ने कहा, केजरीवाल ने स्तर गिराया है। पहली बार प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ निजी बातचीत को लाइव टेलिकास्ट किया गया। उनकी पूरी स्पीच किसी समस्या के हल के लिए नहीं थी, बल्कि राजनीति के लिए और जिम्मेदारियों से बचने के लिए थी।
सीएमओ दिल्ली ने दी सफाई :
इस पूरे मामले पर सीएमओ दिल्ली द्वारा सफाई देते हुए कहा गया कि हमने मुख्यमंत्री केजरीवाल के भाषण को LIVE शेयर किया था। हमें कभी भी ऐसे लिखित या मौखिक निर्देश केंद्र से नहीं मिले थे कि इस तरह की बातचीत को लाइव शेयर नहीं किया जा सकता।
एक्सपर्ट ने कहा इस मामले में लिखित आदेश की जरूरत नही : राजनीतिक विशेषज्ञ डॉ. राधाकृष्ण ने कहा कि इस मामले में किसी प्रकार की लिखित आदेशों की जरूरत नही थी। ये हमेशा से ही होता आया है कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई इंटरनल मीटिंग को गुप्त ही रखा जाता है। अगर किसी भी राज्य सरकार द्वारा इस प्रोटोकोल को तोड़ा गया है तो ये नियमों का उलंघन है।