खौफनाक कदम : रात को ड्यूटी पर था पीएनबी बैंक का सुरक्षा अधिकारी, सुबह फंदे से लटका मिला शव

HR BREAKING NEWS. रोहतक में बैंक की गार्द में तैनात अधिकारी ने संदिग्ध हालात में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि वह गुरुवार रात में ड्यूटी पर था और सुबह जब दूसरा साथी ड्यूटी पर पहुंचा तो बंद बैंक के अंदर कोई हलचल नहीं थी। फिर अंदर शव फंदे पर लटका मिला।
 

HR BREAKING NEWS.  रोहतक में बैंक की गार्द में तैनात अधिकारी ने संदिग्ध हालात में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि वह गुरुवार रात में ड्यूटी पर था और सुबह जब दूसरा साथी ड्यूटी पर पहुंचा तो बंद बैंक के अंदर कोई हलचल नहीं थी। फिर अंदर शव फंदे पर लटका मिला। पुलिस ने शव को PGIMS की मोर्चरी में भिजवाकर मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। फिलहाल कोई सुसाइड नोट वगैरह बरामद नहीं हुआ है। फांसी लगाकर आत्महत्या करने के कारण का अभी तक पता नहीं लग पाया है।

मिली जानकारी के अनुसार शहर के सलारा मोहल्ले का 55 वर्षीय राज सिंह हरियाणा पुलिस में EASI के पद पर तैनात था। लंबे समय से उसकी ड्यूटी सिविल रोड पर स्थित पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में थी। गुरुवार रात को आम दिनों की तरह राज सिंह ड्यूटी पर गया था। उसके साथ अन्य पुलिस कर्मी की भी ड्यूटी थी, जो खाना लाने के लिए चला गया। उसके जाते ही राज सिंह ने अंदर से बैंक का दरवाजा बंद किया और गार्द के कमरे में फंदे पर लटक गया। घटना की जानकारी शुक्रवार सुबह लगी, जब गार्द के अन्य कर्मी ड्यूटी पर पहुंचे। कमरा अंदर से बंद था। आवाज दी, लेकिन जब कोई हलचल नहीं हुई तो अनहोनी का अंदेशा हुआ। दरवाजे के छेद से देखा तो राज सिंह का शव फंदे पर झूल रहा था।

आर्य नगर थाना पुलिस जांच के लिए मौके पर पहुंची। मामले की गंभीरता को देखते हुए FSL एक्सपर्ट डॉ. सरोज दहिया को भी जांच के लिए बुलाया गया। घटनास्थल की बारीकी से जांच-पड़ताल की गई। फिलहाल कोई सुसाइड नोट वगैरह बरामद नहीं हुआ है। फांसी लगाकर आत्महत्या करने के कारण का अभी तक पता नहीं लग पाया है। पता चलने पर राज सिंह के परिजन मौके पर पहुंचे। पुलिस उपाधीक्षक सज्जन ने भी मौके का मुआयना किया और पुलिस जांच अधिकारी को गहनता से जांच करने के निर्देश दिए। इस घटना से बैंक स्टाफ भी सकते में है। बैंक स्टाफ का कहना है कि राज सिंह काफी मिलनसार प्रवृति का व्यक्ति था। बैंक में आने वाले उपभोक्ताओं के साथ भी व्यवहार बेहतर रहता था। मददगार भी था।