अभी नही मिलेगी सर्दी से राहत, इन कारणों से ओलावृष्टि व सर्द हवाओं का बढ़ेगा प्रकोप

HR BREAKING NEWS, हरियाणा। उत्तर भारत में बीते कुछ दिनों से हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस हफ्ते के आखिर में उत्तर-पश्चिम के मैदानी इलाकों और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में शीतलहर फिर लौट सकती है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार
 

HR BREAKING NEWS, हरियाणा। उत्तर भारत में बीते कुछ दिनों से हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस हफ्ते के आखिर में उत्तर-पश्चिम के मैदानी इलाकों और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में शीतलहर फिर लौट सकती है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में एक-दो दिन तक ठंड सताती रहेगी।

मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आएगी। 12 से 15 जनवरी के बीच पंजाब, उत्तरी राजस्थान, हरियाणा और चंडीगढ़ के अलग-अलग इलाकों में शीतलहर चलने का अनुमान है।

मौसम विभाग ने कहा कि 14 जनवरी तक ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, विदर्भ, तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश में बिजली और ओलों के साथ हल्की से मध्यम बारिश का भी अनुमान है। गुरुवार को ओडिशा और तेलंगाना में भारी बारिश हो सकती है। तमिलनाडु, कराईकल, पुडुचेरी, केरल और माहे में इस हफ्ते के आखिर तक गरज के साथ बूंदाबांदी हो सकती है।

देश के उत्तरी भागों से होकर गुजरने वाले पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बेन्स के कारण उत्तर भारत में ठंड बढ़ गई है। 16 जनवरी से 18 जनवरी के बीच इस तरह की दो और वेस्टर्न डिस्टर्बेन्स के गुजरने का अनुमान है। इस वजह से हिमालय के पश्चिमी इलाकों में फिर से हल्की बारिश हो सकती है।

क्या है वेस्टर्न डिस्टर्बेन्स?                          
​​​​पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बेन्स भूमध्यरेखा-क्षेत्र में आने वाली उष्ण कटिबंधीय आंधी है। इसकी वजह से सर्दी के मौसम में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिम और उत्तर के हिस्सों में अचानक बारिश होने लगती है। जब भी वेस्टर्न डिस्टर्बेन्स समुद्र के ऊपर से गुजरता है तो हवाओं से एक चक्रवात बन जाता है। इसे साइक्लोनिक सर्कुलेशन कहा जाता है। इस सर्कुलेशन में हवा और नमी का मिश्रण होता है, जिससे आगे जाकर बारिश होती है। यह विक्षोभ भारत में पश्चिम से आता है, इसलिए इसे वेस्टर्न डिस्टर्बेन्स कहते हैं।