पश्चिमी राजस्थान में ही अटका मानसून, दिल्ली समेत उत्तर भारत में क्यों नही पहुंच रहा मानसून
HR BREAKING NEWS. मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) अपने सामान्य समय से दो हफ्ते पहले ही पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में पहुंच गया है, जहां मानसून सबसे बाद में पहुंचता है, लेकिन इसके बाद भी दिल्ली समेत उत्तर भारतीय मैदानी इलाकों में मानसून का पहुंचना अभी बाकी है. बाड़मेर-जालोर में मानसून इस तरह अटककर रह गया है कि न तो वह वहां बरस रहा है और न ही वहां से आगे बढ़ रहा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून (NLM) की उत्तरी सीमा बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से होकर गुजर रही है.
केरल में दो दिन देरी से पहुंचने के बाद, मानसून सामान्य से 7 से 10 दिन पहले ही पूर्वी, मध्य और आसपास के उत्तर-पश्चिम भारत को कवर करते हुए पूरे देश में दौड़ गया था. इसने राजस्थान के बाड़मेर समेत उत्तर भारत के कुछ हिस्सों को भी कवर किया, लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में अभी तक बारिश नहीं हुई. जबकि आमतौर पर मानसून 27 जून तक दिल्ली पहुंच जाता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है, लेकिन अभी इसके देर से आने की संभावना जताई जा रही है.
पिछले साल भी हवा की स्थिति के कारण मानसून 25 जून को दिल्ली पहुंच गया था और 29 जून तक उसने पूरे देश को कवर कर लिया था. IMD के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि बाड़मेर, पश्चिमी राजस्थान के उन कुछ स्टेशनों में से है, जो आमतौर पर आखिरी में दक्षिण-पश्चिम मानसून द्वारा कवर किए जाते हैं. दक्षिण-पश्चिम मानसून जुलाई के पहले हफ्ते तक पश्चिमी राजस्थान में पहुंचता है, लेकिन इस साल इसने अपने सामान्य कार्यक्रम से दो हफ्ते पहले ही बाड़मेर को कवर कर लिया.
मानसून की रफ्तार पर किसका पड़ा असर?
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, “अरब सागर में एक सिस्टम ने इस साल के मानसून की रफ्तार को प्रभावित किया है, जिस कारण ही मानसून ने बाड़मेर समेत राजस्थान के कुछ हिस्सों को जून की शुरुआत में ही कवर कर लिया.” उन्होंने कहा कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब के कुछ हिस्सों, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान के मामले में, पूर्वी बंगाल की खाड़ी से मानसून आता है, लेकिन बंगाल की खाड़ी में वर्तमान में कोई एक्टिव सिस्टम नहीं है जो पूर्वी हवाओं को इस क्षेत्र में मानसून लाने में मदद कर सके.”
तो इन हवाओं ने रोक रखा है मानसून का रास्ता
मौसम विभाग ने पहले अनुमान जताया था कि दिल्ली में हवा की स्थिति की वजह से समय से 12 दिन पहले 15 जून को मानसून आ सकता है, लेकिन उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी भागों में पछुआ हवाएं (Westerly Winds) चल रही हैं. इन शुष्क हवाओं (Dry Winds) के कारण ही मानसून के आगे बढ़ने पर ब्रेक लगा हुआ है.
मौसम विभाग के अनुसार, कम से कम अगले 8 से 10 दिनों के लिए मानसून के फिर से एक्टिव होने की संभावना बहुत कम है. मौसम विभाग ने कहा कि फिलहाल तुरंत राहत की कोई संभावना नहीं है. विभाग ने बताया कि राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली और पंजाब के बाकी हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए फिलहाल अगले छह से सात दिनों तक कोई अनुकूल स्थिति नहीं बन रही है.