Depression : आपके परिवार में भी आपकी माता, बहन या पत्नी आपसे बार बार कुछ कहने का प्रयास करती हैं। अगर हां… तो इन बातों का ध्यान रखना है आपके परिवार के लिए बहुत जरूरी

उन्हें जरूर सुने, क्योंकि सुनना उनके मानसिक स्वास्थ के लिए जरूरी, कुछ न कह पाने से Depression में खुद को पहुंचा सकती है नुकसान HR BREAKING NEWS (ज्योति अरोड़ा). आपके परिवार में महिला चाहे वह आपकी पत्नी, मां, बहन, बेटी या कोई भी हो अगर वह आपसे कुछ कहती है तो ये जानना आपके लिए
 

उन्हें जरूर सुने, क्योंकि सुनना उनके मानसिक स्वास्थ के लिए जरूरी, कुछ न कह पाने से Depression में खुद को पहुंचा सकती है नुकसान

HR BREAKING NEWS (ज्योति अरोड़ा). आपके परिवार में महिला चाहे वह आपकी पत्नी, मां, बहन, बेटी या कोई भी हो अगर वह आपसे कुछ कहती है तो ये जानना आपके लिए बहुत जरूरी है। आखिरकार वे ऐसा क्यों करती हैं। Depression व आपकी इगनोरेंस उनके, आपके परिवार व आपके लिए कितनी घातक हो सकती है। आज हम बताएंगे कि अकसर घरों में महिलाओं की बात को इग्नोर करने की परंपरा व Depression किस प्रकार नुकसानदायक हो सकती है। तो आइये जानते है पूरा मामला…

depression

दोस्तों अगर वे आपसे कुछ कहती हैं तो उन्हें जरूर सुनें क्योंकि सुनना उसके मानसिक स्वास्थ के लिए जरूरी। अगर उसे बिना सुने चुप करवाया जाए व इग्नोर किया जाता है तो आप उसके मानसिक स्वास्थ को बिगाड कर उसे तनावपूर्ण (Depressed) बना रहे है जिसका परिणाम घातक होगा। महिलाओं के मानसिक स्वास्थ के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ ऐसी ही बातें बताई पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के क्लीकल साइकॉलिॉजिस्ट डॉ. कृष्ण सोनी ने। उन्होंने बताया कि एक रिसर्च के अनुसार हर 1000 महिलाओं में 648 महिलाएं डिप्रेशन का शिकार होती हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है उन्हे न बेलने दिया जाना व चुप करवा दिया जाना। अगर वें अपनी बात नही रख पाती है व तनाव (Depression) में आती है तो वे खुद को नुकसान पहुंचा सकती है। 

प्री मैनस्ट्रुनल से आज तक सामाजिक मानसिकता है Depression का मुख्य कारण :

महिलाओं को अपने जीवन काल में पुरूषों से 32 प्रतिशत अधिक तनाव (Depression) को सहना पड़ता है। अपने जीवन के शुरूआत से लेकर व किशोरावस्था में प्री मैनस्ट्रुनल समय से लेकर पूरे जीवन विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से बने तनाव को वे पुरूषों के जीवन के मुकाबले अधिक सहन करती हैं। 21वीं सदी के दौरान भी ग्रामीण परिवेश के साथ साथ शहरी परिवेश में भी पुरूषों के मुकाबले उनका अस्तीत्व समाजिक रूप से कमजोर है। जिसका कारण समाज की विचारधारा है।

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37 प्रतिशत महिलाएं घरेलु हिंसा का शिकार :

37 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवन काल में कभी न कभी घरेलु हिंसा का शिकार बनती हैं। जिनमें से 29 प्रतिशत रैगुलर मारपीट व शारिरिक शोषण शिकार हो रही हैं। ग्रामीण परिवेश में सबसे अधिक घरेलु हिंसा की शिकायते दर्ज हो रही हैं जिसका कारण है असमानता। 55.4 प्रतिशत केस में पीडित महिला ने गंभीरावस्था में शिकायत दर्ज करवाई। यह भी Depression का मुख्य कारण होती है।

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महिलाओं के मानसिक स्वास्थ को प्रभावित करने वाले कारण :

उनकी कई भूमिकाओं द्वारा निर्मित दबाव, लैंगिक भेदभाव, गरीबी के जुड़े क्षेत्र, कुपोषण, क्षमता से अधिक कार्य, शारिरिक शोषण

महिलाओं में Depression के लक्षण :

उदासी व आशाहीन, गुस्सा, जलन, शत्रुता, आंखे भरे रहना व अचानक रो देना, परिवार व दोस्तों से दूरी बना लेना, खाने व सोने की आदतों में परिवर्तन, गतिविधियों में रूचि खत्म होन

महिलाओं में सामान्य समस्याएं जो मैंटल हैल्थ पर प्रभावित :

मासिक धर्म, रजोनिवृत्ति, मानसिक स्वास्थ, पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम, गर्भाधान और महिला स्वास्थ्य, बांझपन व मानसिक तनाव (Depression), गर्भावस्था व मानसिक स्वास्थ

Depression के प्रभाव :

खुद को नुकसान पहुंचाने व आत्महत्या करने जैसे ख्याल आने लगते हैं, भविष्य का अंधकारमय और निराशावादी दृष्टिकोण, नींद में खलल, भूख न लगना व कम हो जाना।

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परिवार का साथ है सबसे बेहतर उपचार :

मेडिटेशन, ईसीटी थेरेपी, प्रोफेशनल ट्रीटमेंट, अवेयरनेस, साइको एजुकेशन, सैल्फ मोनिटरिंग, नशे से दूरी, खान-पान नियमित कर, नियमित उपचार। वहीं इस समय में परिवार का साथ सबसे बेहतर उपचार है। अगर इस स्थिति में परिवार के लोग रोगी का साथ देते है व उसे समझते हैं तो यह जल्दी रिकवरी करनेे में उसे हिम्मत देती है। 

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पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं की स्थिती

  • महिलाएं पुरूषों के मुकाबले दोगुणा अधिक आत्महत्या का प्रयास करती हैं।
  • 12 पुरूषों के मुकाबले 1 महिला नशे की तरफ प्रभावित होती है।
  • महिलाओं मे पुरूषों के मुकाबले दो गुणा ज्यादा बेहतर रिकवरी व विकास होता है।
  • दो गुणा अधिक चिंता विकार
  • तनाव विकार दो गुणा तक अधिक झेलना
  • पुरूष समाज के लिए घातक होते हैं वहीं महिलाएं स्वंम को नुकसान पहुंचाती है
  • पुरूषों के मुकाबले अपने मानसिक स्वास्थ को दूसरों से शेयर करने में महिलाएं संकोच नही करती।