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8th pay commission DA rates : महंगाई भत्ता फिर से होगा शून्य, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जीरो से शुरू होगी कैलकुलेशन

8th pay commission latest news today :8वें वेतन आयोग  की मंजूरी के बाद अब कर्मचारियों का डीए जीरो होने वाला है। वहीं, सैलरी हाईक में भी इस डीए का अहम रोल रहने वाला है। 8वें वेतन आयोग  तक डीए  (Dearness allowance) काफी ज्यादा बढ़ जाएगा। ऐसे में नए वेतन आयोग के तहत सैलरी संसोधन के समय बढ़े हुए डीए (DA Hike) का भी महंगाई के आंकलन में प्रयोग किया जाएगा। आइए जानते हैं 8वें वेतन आयोग में महंगाई भत्ते (8th pay commission DA Hike) का क्या रोल रहने वाला है।

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8th pay commission DA rates : महंगाई भत्ता फिर से शून्य, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जीरो से शुरू होगी कैलकुलेशन

HR Breaking News (8th pay Commission DA update) : 8वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी में सबसे बड़ा असर महंगाई भत्ते का पड़ने वाला है। महंगाई के आंकलन के हिसाब से नई सैलरी (New Salary) तय होगी। वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA 0) जीरो हो जाएगा। मतलब नया वेतन आयोग (New Pay commission) लागू होते ही महंगाई भत्ता जीरो होगा। 

 

 

आठवें वेतन (8th pay commission) आयोग का गठन कब होगा
 

केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th pay commission DA Zero) को मंजूरी दे दी है। इसके लिए अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति की जानी है। 8वें वेतन आयोग का गठन जल्द होने ककी संभावना है। क्योंकि, 2026 तक नया पे कमीशन आएगा। ऐसे में वेतन आयोग को अपनी रिसर्च करने व सरकार को लागू करने के लिए समय चाहिए। 7वें वेतन आयोग के गठन से मंजूरी तक 18 माह लगे थे, ऐसे में इसी बजट के दौरान भी नए वेतन आयोग के पैनल की घोषणा संभव है।

 

नए पे मैट्रिक्स पर होगा मंथन
 

केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन संसोधन के लिए आयोग के गठन के बाद नए पे-मैट्रिक्स पर मंथन किया जाएगा। कर्मचारियों (Central government employees) व पेंशन भोगी कर्मचारियों की पेंशन, सैलरी भत्तों में संशोधन किया जाएगा। 8वें वेतन आयोग की(Pay commission) सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू की जाएगी।

 

 

 

 

8वें वेतन आयोग का महंगाई भत्ते पर पड़ेगा बड़ा असर
 

8वें वेतन आयोग (8th pay Commission) का सबसे बड़ा असर महंगाई भत्ते पर पड़ने वाला है। नए वेनत आयोग के लागू होते ही केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जीरो (DA arrear) हो जाएगा। जब महंगाई भत्ता जीरो होगा तो उसे बेसिक पे में मर्ज कर दिया जाएगा और नया महंगाई भत्ता नए सिरे से लागू होगा। 

जनवरी 2026 तक कितना होगा महंगाई भत्ता


फिलहाल कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 53 प्रतिशत चल रहा है। यह जनवरी 2025 में 56 प्रतिशत होने की उम्मीद है, वहीं जुलाई 2025 तक 60 प्रतिशत व फिर अगले छह माह के लिए जनवरी 2026 में 63 प्रतिशत होने की संभावना है। परंतु जनवरी 2026 में नया पे कमीशन आ जाएगा तो सवाल उठता है कि इस बढ़े महंगाई भत्ते (DA Hike update) को क्या पहले ही वेतन में जोड़ लिया जाएगा।

50 प्रतिशत महंगाई भत्ता होता है मर्ज


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नियम हैं कि 50 फीसदी महंगाई भत्ता (8th pay commission DA Hike) होते ही बेसिक सैलरी में मर्ज होता है, लेकिन जनवरी 2026 तक तो यह 63 प्रतिशत जाने की उम्मीद है, ऐसे में अब 8वें वेतन आयोग में जब महंगाई भत्ता मर्ज किया जाएगा तो कितना होगा?

50 प्रतिशत ही होगा मर्ज
 

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जीरो से शुरू होगा। वहीं, मौजूदा डीए को बेसिक सैलरी (Basic Salary DA) में मर्ज कर दिया जाएगा। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जनवरी 2026 में भी केवल 50 प्रतिशत डीए को ही बेसिक में मर्ज किया जाएगा। संभावित 13 प्रतिशत अतिरिक्त डीए को मर्ज नहीं किया जाएगा। बेसिक सैलरी में डीए मर्ज कर नए सिरे से सैलरी का कैलकुलेशन कर महंगाई भत्ता जीरो होगा। वहीं, हो सकता है कि पूरे 63 प्रतिशत डीए को भी सरकार बेसिक सैलरी में मर्ज कर दे। 

मौजूदा डीए के हिसाब से ये है कर्मचारियों की सैलरी
 

कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग (7th pay commission) के तहत 18 हजार रुपये बेसिक सैलरी मिलती है। इसमें कर्मचारियों का डीए 53 प्रतिशत चल रहा है। वहीं, जनवरी 2026 तक अनुमानित डीए 63 प्रतिशत हो सकता है। यानी बेसिक सैलरी पर 11340 रुपये अधिक। मतलब डीए के साथ कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी (Basic Salary) 29340 होगी। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 8वें वेतन आयोग में कम से कम 29 हजार 340 रुपये सैलरी तो होगी ही होगी।

हर छह माह में मिलेगा डीए
 

वहीं, कर्मचारियों की मांग है कि डीए में संसोधन तिमाही के हिसाब से किया जाए, लेकिन कर्मचारियों की सैलरी में डीए (DA in Salary) संसोधन का फॉर्मुला छह माह का ही रहने वाला है। डीए संसोधन हर छह माह में ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आंकड़ों के आधार पर किया जाता है।