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underwater indian train : रेल यात्री ले पाएंगे अंडरवॉटर मेट्रो ट्रेन का मजा, जानिये कब से होगी शुरू

Underwater Indian Train : इंडियन रेलवे के यात्री जल्द अंडर वाटर ट्रेन का मजा ले पाएंगे। इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही चार अंडरवॉटर स्टेशन भी रेलवे की ओर से बनाए जाएंगे।
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Underwater Indian Train :इस रूट पर चलेगी देश की पहली अंडर वाटर ट्रेन

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)।  भारतीयों को जल्द ही देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो सर्विस (Underwater Metro Service) का मजा मिलने वाला है। कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (Kolkata Metro Rail Corporation) की ओर से कहा है कि ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर प्रोजेक्ट (East-West corridor project) अगले साल जून तक पूरा हो जाएगा। 

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16.55 किलोमीटर है लंबाई


इस परियोजना  (Underwater Metro Train Service) की कुल 16.55 किलोमीटर लंबाई में से सेक्टर V और सियालदह (Sealdah) के बीच 9.30 किलोमीटर लंबाई चालू है। KCMR (कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ) ने कहा कि शेष 7.25 KM लंबाई एक साल से भी कम समय के भीतर चालू होने की पूरी उम्मीद है। 

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ये हे अंडरवाटर मेट्रो का रूट (Underwater Metro Train Route)


समाचार एजेंसी पीटीआई ने कोट किया कि KMRC ने कहा है कि, 'सियालदह से हावड़ा मैदान तक बैलेंस सेक्शन को चालू करने का लक्ष्य जून 2023 तक है। अंडरवाटर मेट्रो कोलकाता के रास्ते साल्ट लेक (Salt Lake) को हावड़ा (Howrah) से जोड़ेगी, जो हुगली नदी (Hooghly River) के नीचे 500 मीटर दूरी पर है। मौजूदा समय में यह सेक्टर V और सियालदह स्टेशनों (Sealdah stations) के बीच परिचालित (circulated) है।

यहां बनेंगे 4 अंडरग्रांड स्टेशन


इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद महाकरण (Mahakaran) , एस्प्लेनेड (esplanade), हावड़ा (Howrah) और हावड़ा मैदान में 4 और अंडरग्राउंड स्टेशन (underground railway station) जोड़े जाएंगे। कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन  के एक अधिकारी ने बताया है कि  ईस्ट- वेस्ट मेट्रो लिंक कोलकाता और हावड़ा को जोड़ने के बाद  2035 तक इसके जरिए 10 लाख यात्रियों द्वारा सफर पूरा करने की उम्मीद है। मार्ग के लिए साल 2017 में एक सुरंग का निर्माण Afcons कंपनी द्वारा किया गया था। 

67 दिन में पूरा हो गया था काम


Afcons के प्रोजेक्ट मैनेजर सत्य नारायण कुंवर ने बताया था कि द रिवर सुरंग (river tunnel) , एक इंजीनियरिंग मार्वल, भारत में पहली और दुनिया भर में एक दुर्लभ उद्यम है । ये 67 दिनों में पूरा कर दिया गया था। परंतु पानी के अतिप्रवाह की वजह से परियोजना को समय और लागत में वृद्धि हुई है।