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Supreme Court : सरकारी कर्मचारियों की सैलरी काटने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- सरकार नहीं कर सकती ये फैसला

SC decision on salary :सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहद जरूरी खबर है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट  ने कर्मचारियों की सैलरी (salary rules) काटे जाने पर नाराजगी जताते हुए सख्त फैसला सुनाया है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए ये भी कहा है कि यह फैसला (SC decision on salary) लेना सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। आइये खबर में जानते हैं पूरे मामले व सुप्रीम कोर्ट के इस सुप्रीम फैसले के बारे में।

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Supreme Court : सरकारी कर्मचारियों की सैलरी काटने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- सरकार नहीं कर सकती ये फैसला

HR Breaking News - (central employees)। सरकार व विभागों की कार्रवाई के बाद कई बार सरकारी कर्मचारी की सैलरी काटे जाने के मामले सामने आते हैं। किसी कर्मचारी की सैलरी (govt employees salary rules) चाहे किसी भी कारण कटी हो, इससे उसको सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान तो होता ही है।

 

साथ ही मानसिक तनाव भी होता है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी (salary deduction rules) काटे जाने के मामले में अहम फैसला सुनाया है।

 

सरकार पर सख्ती बरतते हुए कोर्ट ने कहा है कि सरकार इस तरह का फैसला (SC decision on salary) किसी हाल में नहीं ले सकती। ये फैसला अब चारों ओर सुर्खियों में है। हर सरकारी कर्मचारी के लिए कोर्ट के इस फैसले के बारे में जानना जरूरी है। 


सुप्रीम कोर्ट ने की यह टिप्पणी 
 

क‍िसी कर्मचारी की सैलरी (employee's salary news) जब एक बार फाइनल हो जाती है तो उसे सरकार कम नहीं कर सकती। कर्मचारी की सैलरी कम करना या सैलरी में कटौती करना कर्मचारी पर दंडात्मक कार्रवाई से कम नहीं होता, इस मामले में सरकार फैसला नहीं कर सकती। 

यह था मामला 
 

यह मामला रिटायर हो चुके एक कर्मचारी से जुड़ा है। सरकार की ओर से एक रिटायर कर्मचारी को सैलरी रिकवरी (salary recovery case) करने के लिए लैटर भेजा गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की ओर से दिए गए सैलरी कटौती के आदेशों को रद्द कर दिया है।

राज्य सरकार के आदेशों को किया रद्द
 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार की ओर से किसी कर्मचारी की सैलरी (govt decision on salary) में पिछले महीनों या वर्षों से कटौती करने जैसा कदम नहीं उठा सकती। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ ने बिहार सरकार की ओर से एक र‍िटायर्ड कर्मचारी (pensioner's news) की सैलरी में कटौती करने के आदेशों को रद्द कर दिया है।

सरकार ने अपने आदेशों में कहा था कि उक्त रिटायर्ड कर्मचारी की सैलरी काट ली जाए। इसके बाद रिकवरी नहीं होती है तो बाकी वसूली भी की जानी चाहिए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) सख्त हो गया है और सरकार को सैलरी काटने का अधिकार न होने की बात अपने फैसले में कही है।

हाईकोर्ट ने यह सुनाया था फैसला
 

पटना हाईकोर्ट (patna high court) ने इस मामले में कहा था कि उक्त रिटायर कर्मचारी की सैलरी में बाद में कटौती नहीं की गई, बल्कि यह कटौती वेतन तय करते समय ही की गई थी। बिहार राज्य सरकार (bihar govt salary rules) की ओर से जारी प्रस्‍ताव के अनुसार सैलरी काटी गई थी, इस प्रस्ताव को हाईकोर्ट ने सही माना था।

हाईकोर्ट के अनुसार रिटायर्ड कर्मचारी ज्‍यादा सैलरी (govt employee salary rules) पाने का हकदार  नहीं था। यानी उसे गलत तरीके से अधिक वेतन दिया गया। हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। 


 

प्रमोशन किया पर वेतन घटाया
 

प्रमोशन करने के बाद एक कर्मचारी को जूनियर ग्रेड में रखा गया था। इतना ही नहीं उसका वेतन भी घटाया गया। एक रिटायर्ड कर्मचारी (retired employees news) को बिहार राज्य में आपूर्ति निरीक्षक के पद पर नौकरी मिली थी। नौकरी के करीब 15 साल बाद उसे प्रमोशन भी मिला लेकिन कर्मचारी (employees salary rules) को जूनियर ग्रेड में रख दिया गया था। 

बिहार सरकार ने किया था यह प्रस्ताव जारी
 

इस मामले में वादी को यानी उक्त रिटायर कर्मचारी को 25 साल की नौकरी के बाद साल 1991 में एसडीओ (SDO salary deduction case) का पदभार दिया गया। साल 1999 में बिहार सरकार (bihar govt) ने प्रस्‍ताव जारी किया कि विपणन अधिकारी और एडीएसओ की सैलरी (salary ke niyam) को जनवरी 1996 से संशोध‍ित करते हुए सैलरी घटा दी गई है।

सरकार ने पत्र जारी कर कही थी यह बात 


सुप्रीम कोर्ट (SC decision on salary deduction) ने इस मामले में तह तक जाते हुए पाया कि 2001 में एडीएसओ पद से रिटायर हुए इस सरकारी कर्मचारी को आठ साल बाद बिहार सरकार का पत्र मिला था।

इस पत्र में उसकी सैलरी तय करने में गलती होने की बात कही गई थी, जिससे कर्मचारी को ज्‍यादा सैलरी (salary deduction rules) दी गई। इसलिए 63,765 रुपये वसूले जाने की बात इस पत्र में स्पष्ट तौर पर लिखी हुई थी। 

पत्र मिलने के बाद कर्मचारी पहुंचा था कोर्ट 


यह पत्र मिलने के बाद कर्मचारी ने हाईकोर्ट (high court decision on salary) का रुख किया लेकि‍न वहां कर्मचारी को राहत नहीं मिली। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि कर्मचारी की सैलरी में तय होने के बाद इसमें कोई कटौती करने का फैसला सरकार (govt rules for salary) नहीं कर सकती।

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