home page

New Railway Line : भारत से सीधे विदेश जाएगी 243 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन, 26022 करोड़ की आएगी लागत

Indian railway news :जल्दी ही हमारे देश से एक ऐसी ट्रेन चलने जा रही है जो सीधा विदेश जाएगी और इसको लेकर काम बहुत तेज़ी से चल रहा है | इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग  26022 करोड़ की लगत आएगी | क्या होगा इसका रुट, आइये जानते हैं 

 | 
सीधा विदेश जाएगी ये रेलवे लाइन, प्रोजेक्ट पर 26022 करोड़ होंगे खर्च

HR Breaking News, New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रक्सौल से काठमांडू रेलवे लाइन का सर्वे का काम पूरा हो चुका है. जल्द ही पूर्वी चंपारण के रक्सौल से नेपाल के काठमांडू के बीच ट्रेनें दौड़ेंगी. नई रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे के बाद डीपीआर बनाने का काम शुरू हो गया है. जिसका फायदा रक्सौल समेत पूरे नेपाल और सीमांचल के लोगों को होगा. रक्सौल से काठमांडू के बीच 26022.57 करोड़ की लागत में रेल लाइन बिछाई जाएगी. इस रेल परियोजना के पूरा होने के बाद रक्सौल से काठमांडू तक 243 किलोमीटर की दूरी का सफर सिर्फ तीन घंटे में पूरा होगा. इस रेल लाइन पर 120 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चलेगी. ये रेलवे लाइन ब्रॉडगेज रेल लाइन होगी.

SDM Jyoti Maurya को पति से भी ज्यादा मिलती है सैलरी, महीने में कमाती है इतना

1478.20 एकड़ भूमि का होगा अधिग्रहण
वहीं, इसके लिए रक्सौल से काठमांडू तक कुल 1478.20 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. इस रेल परियोजना पर सहमति अप्रैल 2018 में नेपाल के तत्कालीन पीएम केपी ओली के भारत भ्रमण के दौरान बनी थी. जिसपर हस्ताक्षर अगस्त 2018 में हुए और नेपाल सरकार ने परियोजना को पूरा करने के लिए अक्टूबर 2018 में संसद में चर्चा के बाद स्वीकृति देने के साथ ही इसका सर्वे और रेल लाइन निर्माण कार्य का ठेका मुंबई की कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड को देने का निर्णय लिया गया.

कोंकण रेलवे को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी
कोंकण रेलवे ने 18 माह पहले रक्सौल से काठमांडू तक रेल लाइन बिछाने के लिए 4 रूटों का सर्वे किया था. इसमें रक्सौल से सिरिसिया, परवानीपुर, थोड़ा बागमती नदी के किनारे खोखन होते हुए काठमांडू तक का रूट भी शामिल है. चारों रूट की सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपी गई. इसके बाद रेलवे बोर्ड ने कम दूरी वाले रूट का चयन कर उसकी डीपीआर बनाने की स्वीकृति कोंकण रेलवे को दी है.

SDM Jyoti Maurya को पति से भी ज्यादा मिलती है सैलरी, महीने में कमाती है इतना

रेल लाइन के लिए 40 किलोमीटर की सुरंगों का होगा निर्माण
इस रेलखंड में रक्सौल, वीरगंज, जीतपुर, निजगढ़ धूमरवाना, काकड़ी, चंद्रपुर, धीयाल, शिखरपुर, सिसनेरी, सथिकेल और काठमांडू समेत कुल 12 स्टेशन प्रस्तावित हैं. 18 अहम पुल, 101 मेजर पुल, 122 पुल और कल्बर्ट तथा 39 आरओबी का निर्माण होगा. 31 सुरंग बनेंगी, जिनकी लम्बाई 40.865 किमी होगी. इस परियोजना का काम पांच वर्ष में पूरा होगा.

पर्यटन उद्योग व व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
पीएम नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के पूरा होने से भारत-नेपाल के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. अभी सामानों की ढुलाई ट्रकों से ही होती है, जिसपर ज्यादा खर्च आता है. रेललाइन शुरू होने पर मालगाड़ी से ढुलाई में खर्च कम होगा. इसके अलावा स्थानीय व्यापारियों के साथ आम लोगों का व्यापार भी बढ़ेगा. लोगों की नेपाल की यात्रा भी सुलभ होगी. पर्यटन उद्योग और रेल राजस्व में वृद्धि होगी.

SDM Jyoti Maurya को पति से भी ज्यादा मिलती है सैलरी, महीने में कमाती है इतना

भारत-नेपाल का संबंध होगा बेहतर
वहीं, भारतीय महावाणिज्य दूतावास वीरगंज के महावाणिज्यदूत नीतेश कुमार ने बताया कि ये रेल परियोजना दोनों देशों के लिए अति महत्वाकांक्षी परियोजना है. भारत-नेपाल के बीच संबंध और मजबूत बनाने में मील का पत्थर साबित होगी और दोनों देशों के बीच पर्यटन को खूब बढ़ावा मिलेगा.

News Hub