property will : अब प्रोपर्टी की वसीयत लिखने के लिए कोर्ट-कचहरी के नहीं लगाने होंगे चक्कर, नई सुविधा शुरू
property will facility : प्रोपर्टी के मामलों को लेकर लोग अब काफी सतर्क रहने लगे हैं। भविष्य में पारिवारिक सदस्यों में प्रोपर्टी को लेकर कोई संशय या मतभेद न रहे, इसके लिए लोग वसीयत (new facility for will) भी तैयार करते हैं। पहले वसीयत बनाने के लिए कोर्ट कचहरियों के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब नई सुविधा का लाभ उठाकर आप यह काम मिनटों में पूरा कर सकते हैं। आइये जानते हैं इस नई सुविधा के बारे में खबर में।

HR Breaking News - (property news) आजकल हर क्षेत्र में नई-नई सुविधाएं मिल रही हैं, अनेक लोग इनका लाभ उठाकर अपने समय और पैसे की भी बचत कर रहे हैं। इसी तरह से प्रोपर्टी के लिए वसीयत (how to make Will) बनाने की भी खास सुविधा उपलब्ध है, जिसका फायदा उठाकर आप लाभान्वित हो सकते हैं। खास बात तो यह है कि वसीयत तैयार करने की इस सुविधा में आपको कोर्ट कचहरी भी नहीं जाना पड़ेगा और बिना किसी झंझट के आप सही तरीके से वसीयत भी तैयार कर लेंगे। इस नई सुविधा से आप पैसों व समय की बचत भी कर सकेंगे। इसमें एक खास प्रक्रिया का अनुपालन आपको करना होगा, जो बेहद आसान भी है।
घर बैठे ही उठा सकते हैं इस सुविधा का लाभ-
आधुनिक तकनीकी युग में वसीयत लिखवाना (online will process) कोई मुश्किल काम नहीं रह गया है। यह काफी इजी और किफायती हो चुका है। बता दें कि वसीयत तैयार (online vasiyat kaise banwayen) करने के लिए आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का सहारा ले सकते हैं। आजकल कई सारे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं जो मामूली शुल्क लेकर ये सुविधा प्रदान करते हैं। इनकी सहायता से आप कुछ ही मिनटों में घर बैठे ही वसीयत तैयार कर सकते हैं।
इस सुविधा के अलावा ऑफलाइन वसीयत लिखवाते हैं तो समय व खर्च काफी बढ़ जाता है। वकील आदि से भी सलाह की इस सुविधा में जरूरत नहीं पड़ती। यहां पर यह भी बता दें कि मुस्लिम समुदाय में वसीयत तैयार करने के लिए शरीयत कानूनों की विशेषज्ञता की जरूरत पड़ती है, इसलिए इस समुदाय के लोगों को व्यक्तिगत रूप से जानकारी हासिल करनी होती है, ऐसे में यह सुविधा कारगर नहीं है।
इतना आता है खर्च-
ऑनलाइन वसीयत तैयार करने में कितना खर्च (online will charges) आएगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि सर्विस प्रोवाइडर क्या-क्या विकल्प उपलब्ध करा रहा है और वसीयत की जटिलता कितनी है। वसीयत पूरी तरह से व्यक्तिगत रूप से ही जुड़ी होती है, इसलिए इसके तमाम पहलुओं को ऑनलाइन रूप से समेटना काफी मुश्किल हो जाता है।
कुछ ऑनलाइन प्लेटफार्म साधारण वसीयत के लिए एक निश्चित फीस लेते हैं लेकिन कुछ वसीयतकार की संपत्ति और उस संपत्ति के लाभार्थियों की संख्या देखते हुए फीस लेते हैं। इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों में विलजीनी (WillJini) भी शामिल है जो 5,500 रुपये तक चार्ज करता है। इसके अलावा वकीलसर्च (Vakilsearch) पर यह फीस लगभग 5000 रुपये (fees for online will) है। यह केवल सुविधा प्रोवाइड करने की फीस हैं। वसीयत के लिए स्टांप ड्यूटी और अन्य खर्चे अलग से आपको वहन करने होंगे।
इस कारण आती है वसीयत बनाने की स्थिति-
ऑनलाइन वसीयत तैयार करना आसान तो है पर इंटरनेट पर इसे स्पष्ट तौर से लागू करने में कई नियम आड़े आते हैं। भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 (Indian Succession Act, 1925) में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि वसीयत पर वसीयत बनाने वाले को हस्ताक्षर भी करने होंगे। ये हस्ताक्षर दो गवाहों की मौजूदगी में तो जरूर हों। आज के समय में संपत्ति (will and property rights) को लेकर भविष्य में कोई विवाद न रहे, इसके लिए वसीयत बनाना जरूरी भी समझा जाता है। ये भविष्य में संभावित कई तरह के संपत्ति विवादों को भी खत्म करती है। कई लोग अपने विवाह, बच्चों के जन्म होने पर, संपत्ति प्राप्ति को लेकर, बिजनेस को लेकर वसीयत तैयार करते हैं। जब वसीयत बन जाए तो जरूरत व स्थिति अनुसार समय-समय पर इसे अपडेट भी किया जा सकता है।
ऑनलाइन वसीयत के फायदे -
ऑनलाइन तरीके से वसीयत (online will platforms) बनाने की सुविधा कई मायनों में फायदेमंद है। एक तो इसकी प्रक्रिया काफी आसान है,क्योंकि तमाम कानूनी जानकारी ऑनलाइन ही मिल जाती है। जब वसीयत को ऑनलाइन बनाया जाता है तो कानूनी विशेषज्ञ की सलाह लेने के लिए उसके पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती। ऑनलाइन वसीयत बनाने से पैसा, समय दोनों ही बचते हैं। इसके अलावा कोर्ट-कचहरी की भागदौड़ भी नहीं होती। यह प्रक्रिया तेज होने के कारण आपका काम जल्दी पूरा हो जाता है। इससे वसीयत (online will benefits) बनाने की प्रक्रिया में गलतियां होने की संभावना भी कम होती है, जो आपको एक आत्मसंतुष्टि की अनुभूति कराती है।
ऑनलाइन वसीयत के नुकसान -
ऑनलाइन मोड में वसीयत बनाने के फायदे हैं तो कुछ नुकसान (Disadvantages of online will) भी इससे हो सकते हैं। इसमें एक नुकसान तो यह है कि ऑनलाइन वसीयत बनाने के दौरान आप प्रत्यक्ष रूप से वकील की सलाह नहीं ले पाते और कई जरूरी बात आपसे छूट सकती हैं। खुद इन मामलों का विशेषज्ञ न होने के कारण आपसे गलती की संभावना बनी रहती है। ऑनलाइन वसीयत की प्रक्रिया में व्यक्तिगत इच्छाओं को शामिल करने में समस्या हो सकती है।
आमतौर पर ऑफलाइन तरीके से वसीयत बनाते समय इन इच्छाओं पर स्पष्ट मत दिया जा सकता है, जो ऑनलाइन वसीयत में छूट सकती है। ज्यादा संपत्ति (property ki vasiyat) वाले मामलों में व पारिवारिक मतभेद के मामलों में भी ऑनलाइन वसीयत बनाने में समस्या होती है। अधिकतर लोग तकनीकी रूप से इतने पारंगत नहीं होते, इसलिए वे इसमें भूल व गलती कर सकते हैं। इसलिए हमेशा वसीयत लिखने से पहले इसके तमाम पहलुओं पर विचार कर लेना बहुत जरूरी होता है।