supreme court : माता पिता की प्रोपर्टी में संतान के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
Property Rights : माता पिता की प्रोपर्टी में संतान के अधिकारों को लेकर कानून में कई तरह के प्रावधान हैं। अधिकतर लोग इन कानूनी प्रावधानों से अनजान हैं, इस कारण अक्सर विवाद (property disputes) होते रहते हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने माता पिता की प्रोपर्टी में संतान के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। आइये जानते हैं सुप्रीम कोर्ट (supreme court decision) के इस फैसले के बारे में।

HR Breaking News - (property knowledge) प्रोपर्टी के अधिकतर विवाद भाई-भाई या बाप बेटे के बीच ही होते हैं। अक्सर हर कोई प्रोपर्टी पर अपना अधिकार जताता है, जिससे विवाद और बढ़ जाते हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने माता पिता की प्रोपर्टी में संतान के अधिकार (children's property rights) को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले के साथ ही उन स्थितियों को लेकर भी तस्वीर स्पष्ट हो गई है, जो अक्सर संतान की ओर से घरों में पैदा कर दी जाती हैं। खबर में जानिये सुप्रीम कोर्ट (SC decision on property rights) का यह सुप्रीम फैसला।
संतान नहीं टल सकेगी इस जिम्मेदारी से -
माता पिता की प्रोपर्टी (property adhikar) में अब हक का दावा तभी किया जा सकेगा या हक तभी मिलेगा, जब संतान की ओर से बुजुर्ग मां बाप की सही देखभाल की जाएगी। नहीं तो यह प्रोपर्टी वापस हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट (supreme court decision) का यह फैसला जीवन के अंतिम पड़ाव में जीने वाले माता पिता के हितों की रक्षा भी करेगा।
माता पिता प्रोपर्टी देकर भी ले सकते हैं वापस-
बहुत ही कम लोग जानते हैं कि माता पिता संतान को प्रोपर्टी (property news) देकर अब वापस भी ले सकते हैं। इसलिए उनकी देखभाल करनी भी आवश्यक है। मां बाप की प्रोपर्टी (property rights) अक्सर नाम करवा लेने के बाद उसे किसी भी समय वापस भी लिया जा सकता है। इस बात को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में क्लियर कर दिया है।
प्रोपर्टी का पंजीकरण हो जाएगा रद्द -
बुजुर्ग माता पिता को अब औलाद की ओर से उनके हालात पर छोड़ा जाता है तो यह संतान को ही भारी पड़ेगा। वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम (Maintenance and Welfare Act) के अनुसार माता पिता को संतान के नाम कराई गई प्रोपर्टी भी वापस लेने का अधिकार रहेगा। वे इस प्रोपर्टी का पंजीकरण (property registration) भी रद्द करा सकते हैं।
माता पिता के पास रहेगा यह अधिकार -
माता पिता की देखभाल न करने वालों को अब माता पिता की प्रोपर्टी में कोई हक नहीं मिलेगा। संतान के नाम की गई प्रोपर्टी (son's rights on parents property) वापस ली जा सकती है, चाहे वह प्रोपर्टी गिफ्ट की गई हो या ट्रांसफर कराई गई हो, माता पिता को ही उस प्रोपर्टी को संतान से वापस लेने का अधिकार होगा।
प्रोपर्टी नाम कराते समय तय होगी यह शर्त-
अब संतान के लिए प्रोपर्टी अधिकारों (property rights in law) को लेकर किए गए कानूनी प्रावधान और माता-पिता की प्रोपर्टी अब उनके हितों की रक्षा करेगी। सुप्रीम कोर्ट (SC decision on property) के फैसले के अनुसार माता पिता की अनदेखी करने वाले अब उनकी प्रोपर्टी पर अधिकार नहीं जता सकते।
कोर्ट में कोई दावा भी वे नहीं कर सकेंगे। अब कानूनी प्रावधान के अनुसार प्रोपर्टी (Property transfer rules) नाम कराते समय यह शर्त व प्रावधान भी जोड़ा जाएगा कि माता पिता की देखभाल जरूरी है, नहीं तो प्रोपर्टी छिन जाएगी।