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टैक्सपेयर्स को Supreme Court ने दिया तगड़ा झटका, इनकम टैक्स विभाग को दी ये छूट

Supreme Court decision : सुप्रीम कोर्ट की ओर से आयकर विभाग को बड़ी छूट देते हुए टैक्सपेयर्स को तगड़ा झटका दिया गया है। आयरक देने वालों को इससे नुकसान तो सरकारी राजस्व में तगड़ा इजाफा होने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्णय से आयकर विभाग को राहत मिली है। 

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Supreme Court decision : टैक्सपेयर्स को सुप्रीम कोर्ट ने दिया तगड़ा झटका, इनकम टैक्स विभाग को दी ये छूट

HR Breaking News (Supreme Court) आयकर विभाग को होगा सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए बढ़ा फैसला सुनाया है। हजारों टैक्सपेयर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला (Supreme Court decision) टेंशन का कारण बन सकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देश के राजस्व में बड़ी वृद्धि की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को री-एसेसमेंट के एक केस में फैसला देना था। फैसले के बाद टैक्सपेयर्स को झटका लगा है। 

 

नए और पुराने कानून में उलझा था विवाद
 

सुप्रीम कोर्ट का विवाद नए और पुराने कानून के बीच उलझा था। कुछ साल पहले कानून में कुछ संसोधन किए गए थे, जिसके बाद आयकर विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठा तो मामला कोर्ट में जा पहुंचा, वहीं सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आयकर विभाग को अब बड़ी राहत मिल गई है। 

 

फिर से खुलेंगे आयकर रिटर्न के मामले
 

सुप्रीम कोर्ट ने 90 हजार आईटी रिटर्न (ITR) के केसेज के रिएसेसमेंट के आयकर विभाग के फैसले को सही बताया है। अब 90 हजार आईटीआर के रिऐसऐसमेंट का रास्ता साफ हो गया है। टैक्सपेयर्स में टैक्स में गड़बड़ी मिली तो आयकर विभाग की सख्ती से वो लोग बच नहीं पाएंगे। 

 

Supreme Court ने हाईकोर्ट के फैसले को बदला
 

सुप्रीम कोर्ट ने जिन 90 हजार आईटी रिटर्न के केसेज के रिएसेसमेंट के आयकर विभाग के फैसले को सही बताया है, यह मामला हाई कोर्ट में भी पहुंचा था। यहां पर इन रिएसेसमेंट नोटिसेज को खारिज कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसले को पलट दिया है। 


पहले के फैसलों में लिया था टैक्सपेयर्स का पक्ष


आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स को 1 अप्रैल 2021 के बाद में नोटिस जारी किए थे। नोटिसों को कई हाईकार्ट्स में चुनौती दी गई। इसमें हजारों याचिकाएं लगाई गई थी। ज्यादातर में कोर्टों (court decision) ने टैक्सपेयर्स का पक्ष लिया। जिसके बाद टैक्सपेयर्स को राहत मिली थी। 

 

इस वर्ष के हैं रिएसेसमेंट के नोटिस


2013-14 से 2017-18 वित्त वर्ष के मामलों में आयकर विभाग ने रिएसेसमेंट के नोटिस दिए थे। ये नोटिस उक्त एसेसमेंट ईयर को कवर करते हैं। ये एकल और कॉरपोरेट दोनों करदाताओं को दिए गए हैं। रि-एससेसमेंट में हजारों करोड़ रुपये शामिल हो सकते हैं।

Supreme Court में पहुंचा था ये मामला
 

सुप्रीम कोर्ट में जो मामला पहुंचा उसमें यह फैसला करना था कि आयकर अधिनियम (income tax rules) में पहले किए गए संशोधित प्रावधानों के हिसाब से आयकर विभाग 1 अप्रैल 2021 के बाद रिएसेसमेंट दे सकता है या नहीं। 1 अप्रैल 2021 में जो संसोधन हुआ उससे पहले, एस्केप्ड आय 1 लाख ज्यादा होने पर छह साल तक रिएससमेंट किए जा सकते थे। इसको बाद में बदल दिया गया। 


2021 में किया गया ये संसोधन


2021 के आयकर कानून में संशोधन कर रिएसेसमेंट की समय अवधि को बदला गया था। यह समय सीमा घटाकर तीन साल कर दी गई। वहीं, एस्केप्ड इनकम 50 लाख रुपये से अधिक होने पर 10 साल तक पुराने मामले खोलने की अनुमति दी गई। वहीं, कानून में संसोधन के साथ ही कोविड-19 के चलते पुराने कानून के अनुसार नोटिस भेजने की समय अवधि बढ़ाने की एक अधिसूचना जारी की थी। इसी वजह से पुराने कानून अनुसार 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 तक रिएसेसमेंट नोटिस जारी किए गए थे। जिसको सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सही माना।