Supreme Court ने किया साफ, शादी के बाद पति पत्नी का एक दूसरे पर कितना अधिकार
supreme court decision : शादी के बंधन में बंधने के बाद पति पत्नी एक दूसरे के हो जाते हैं। वह अपना जीवन एक दूसरे को समर्पित करते हैं। देखने को मिलता है कि शादी होते ही पति पत्नी अपने मोबाइल के पासवर्ड, अपने सोशल अकाउंट आपस में शेयर करते हैं। ये सब वो अपनी मर्जी से करते हैं, लेकिन क्या ये उनका अधिकार है? ऐसे ही पति पत्नी के बीच के रिश्ते में अधिकारों को सुप्रीम कोर्ट (supreme court decision) स्पष्ट कर दिया है। आइए जानते हैं पति-पत्नि के एक दूसरे पर अधिकार...

Hr Breaking News (supreme court order) : दो लोगों का बंधन शादी है। शादी करना व्यक्ति का एक निजी अधिकार है। लेकिन क्या यह निजता के अधिकार पर भारी पड़ता है? यह अकसर बहस का विषय रहता है। निजता के अधिकार (Rigth to privacy) के बारे में कई बार विस्तृत बहस हुई है। क्या पति पत्नी की कैमरे से जासूसी कर सकता है, क्या आपस में फोन कॉल रिकॉर्ड कर सकते हैं। ऐसे कई सवालों के जवाब सुप्रीम कोर्ट (supreme court husband wife rights) सहित तमाम कोर्टों के फैसलों से मिलते हैं। इस आर्टिकल में हम सब जानेंगे।
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आधार कार्ड की जानकारी पर कर्नाटक हाईकोर्ट का आया बड़ा फैसला
दंपति में से कोई भी क्या अपने पार्टनर का आधार कार्ड नंबर या अन्य जानकारी बिना अनुमति के प्राप्त करने का अधिकार रखता है? इसपर कर्नाटक हाई कोर्ट (High court decision) का एक बड़ा फैसला आया है। अदालत ने एक मामले की सुनवाई के दौरान क्लीयर किया कि पत्नी केवल शादी को आधार बनाकर पति के आधार कार्ड के बारे में एकतरफा जानकारी नहीं ले सकती हैं।
शादी में निजता के अधिकार पर कोर्ट ने कही ये बात
कोर्ट (supreme court decision) ने शादी में निजता के अधिकार पर कहा कि शादी निजता के अधिार पर असर नहीं डाल सकती है। कुछ दिन पहले कोर्ट के सामने आए मामले में कोर्ट (Court decision) ने साफ कर दिया कि आधार की जानकारी निजी जानकारी है और किसी की पर्सनल जानकारी केवल शादी को आधार बनाकर नहीं हासिल की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि दंपति (Couple Rights) एक दूसरे की प्राइवेसी में दखल नहीं कर सकता है।
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आधार और मोबाइल नंबर जानना चाहती थी महिला
कर्नाटक हाई कोर्ट (court decision) में मामला पहुंचा था कि एक महिला अलग हो चुके अपने पति के आधार नंबर, एनरोलमेंट व मोबाइल फोन के नंबर की जानकारी लेना चाहती थी। महिला ने तर्क दिया था कि पति के ठिकाने की जानकारी न होने के कारण वह फैमिली कोर्ट के ऑर्डर को इंपलीमेंट नहीं करा पा रही हैं।
दरअसल, महिला ने कोर्ट जाने से पहले यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के पास पहले आवेदन किया था। इसको खारिज कर दिया गया। यूआईडीएआई ने होईकोर्ट (court decision) के आदेश की जरूरत की मांग की। तब महिला ने हाई कोर्ट का रास्ता अपनाया। वहीं, कोर्ट ने भी साफ कह दिया कि आधार की जानकारी निजता का मामला है, जिसे शादी के बंधन से प्रभावित नहीं किया जा सकता है।
क्या लगा सकते हैं पति या पत्नी के कमरे में कैमरा
अब सवाल आता है कि शादी हो गई है तो पति या पत्नी बिना जानकारी, निगरानी के लिए एक दूसरे लिए कमरे में कैमरा (Camera in Room) लगा सकते हैं क्या। ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के पुणे में सामने आया था। वहां पर पूर्व पति ने पत्नी के घर के वॉटर प्यूरीफायर में स्पाई कैमरा लगा दिया था। वह कैमरा मोबाइल से लिंक करके पत्नी की निगरानी कर रहा था। जिसको लेकर महिला को पता चला तो उन्होंने इसको लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई। यह अपराध माना गया।
सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार पर सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट (supreme court decision) निजता के अधिकार पर अपना फैसला बहुत पहले सुना चुका है। निजता के अधिकार को सुप्रीम कोर्ट ने मौलिक अधिकार भी बोला था। इसके अनुसार किसी की निगरानी नहीं की जा सकती है। महिला को ससुराल में भी निजता का अधिकार (wife,s right) है। किसी कमरे में बिना जानकारी कैमरा लगाना भी राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन है।
कॉल रिकॉर्डिंग पर क्या है नियम
पत्नी की इजाजत के बिना उसके फोन कॉल को रिकॉर्ड करना क्या अपराध है। जी हां, यह निजता का उल्लंघन है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (court decision) में एक मामला पहुंचा था। कोर्ट ने इसमें अहम फैसला सुनाया था। हाई कोर्ट ने किसी की इजाजत के बिना उसके फोन की कॉल रिकॉर्डिंग करने को अवैध माना और इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन करार दिया।
जानिए क्या है निजता का अधिकार
संविधान हमें बहुत सारे अधिकार देताा है। अनुच्छेद 21 में व्यक्ति को स्वतंत्रता और जीवन जीने का अधिकार मिलता है। वहीं, वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट (supreme court decision) में 9 जजों की बैंच ने निजता को लेकर बड़ी बात कही थी। बैंच ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बोला था। निजता के अधिकार (Right to privacy) को शादी भी प्रभावित नहीं कर सकती है। हर किसी को निजता का अधिकार है।