तलाक के मामले में Supreme Court ने कही अहम बात
Supreme Court Decision : तलाक के मामले आए दिन चर्चा में रहते हैं। देश के बड़े बड़े एक्ट्रेस एक्टर, खिलाड़ी और आम लोगों में तलाक के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। कोर्ट में भी तलाक के हजारों मामले पंडिंग है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने तलाक से जुड़े केस पर सुनवाई करते हुए बड़ी टिप्पणी की है। चलिए जानते हैं -
HR Breaking News - तलाक से जुड़े मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। हाल ही में तलाक से संबंधित मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Decision) का एक बड़ा बयान सामने आया है। कोर्ट ने पति पत्नी के तलाक के मामले पर कहा है कि शादी के बाद पति या पत्नी यह नहीं कह सकते हैं कि वह अपने जीवनसाथी से स्वतंत्र होना चाहते हैं। जस्टिस बीवी नागरत्ना और आर महादेवन की पीठ ने आगाह किया कि अगर कोई स्वतंत्र रहना चाहता है, तो उसे शादी नहीं करनी चाहिए।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि हम बिल्कुल स्पष्ट हैं। कोई भी पति या पत्नी शादी के बाद यह नहीं कह सकता है कि वह अपने जीवनसाथी से स्वतंत्र रहना चाहता है। यह असंभव है। विवाह का मतलब क्या है? दो दिलों और दो व्यक्तियों का एक साथ आना। इसके बाद आप स्वतंत्र नहीं हो सकते।
जानिये क्या है पूरा मामला -
कोर्ट ने एक दूसरे से अलग रह रहे एक दंपती के मामले की सुनवाई की थी। उनके दो नाबालिग बच्चे भी हैं। कोर्ट ने दंपती से आगाह किया है कि अगर पति-पत्नी एक साथ हो जाते हैं, तो हमें खुशी होगी, क्योंकि बच्चे बहुत छोटे हैं। ऐसी स्थिति में उनका अलग रहना सही नहीं है। ऐसा करने से बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। कोर्ट (Court News) ने दोनों पक्षों को विवाद सुलझाने का आदेश दिया है पीठ का कहना है कि पति पत्नी के बीच लड़ाई झगड़े होते रहते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि वह एक दूसरे से अलग हो जाएं।
एक हाथ से नहीं बजती ताली -
मामले की सुनवाई के दौरान पत्नी पहुंच नहीं पाई। ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में सुनवाई को आगे बढ़ाया गया। वीडियो कॉन्र्फेंस पर महिला ने कहा कि ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती सकती। इस पर पीठ ने कहा कि हम आप दोनों से कह रहे हैं, केवल आपको समझोता करने के लिए विवश नहीं किया जा रहा है।
ऐसे में महिला ने दावा किया कि उसका पति, जो सिंगापुर में रह रहा था और इस समय भारत में है, इस मामले को सुलझाने के लिए तैयार नहीं है। वह सिर्फ मुलाकात का अधिकार तथा बच्चों की कस्टडी चाहता है।
कोर्ट (Court Decision) ने हैदराबाद में रह रही महिला से पूछा कि आप सिंगापुर क्यों नहीं जा सकती? बच्चों के साथ आप सिंगापुर भी रह सकती हैं। ऐसा करने में आपको क्या दिक्कत आ रही है? महिला ने कुछ परेशानियां बताते हुए कहा कि सिंगापुर में पति के व्यवहार के कारण उसके लिए वापस लौटना बेहद मुश्किल हो गया है।
सिंगल मदर होने के नाते आजीविका के लिए नौकरी की जरूरत पर जोर देते हुए महिला ने दावा किया कि उसे पति से कोई गुजारा भत्ता (Alimony) नहीं मिला है। पति के वकील ने कहा कि दोनों की ही सिंगापुर में काफी अच्छी नौकरी है, लेकिन पत्नी ने बच्चों के साथ सिंगापुर लौटने से मना कर दिया है। कोर्ट ने पक्षकारों से कहा कि आप इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं।
