Gold price for 7 days : अगले 7 दिन कैसे रहेंगे सोने के दाम, एक्सपर्ट ने दी जानकारी
Gold price for 7 days : साेना खरीदारों के लिए जरूरी खबर। मौजूदा समय में सोने की कीमत रिकॉर्ड हाई के आसपास बनी हुई है। ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये जान लेते है कि आने वाले हफ्ते में सोने के दाम कैसे रहेंगे... निवेशकों की नजरें मुख्य रूप से अमेरिकी सरकार के फंडिंग बिल, लेबर मार्केट डेटा और फेडरल रिजर्व की टिप्पणियों पर टिकी हुई हैं, जो कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
HR Breaking News, Digital Desk- (Gold Silver Price) सोने की कीमत रिकॉर्ड हाई के आसपास बनी हुई है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, आने वाले हफ्ते में भी सोने की कीमतें अस्थिर रहने की संभावना है। निवेशकों की नजरें मुख्य रूप से अमेरिकी सरकार के फंडिंग बिल (funding bill), लेबर मार्केट डेटा (labor market data) और फेडरल रिजर्व की टिप्पणियों पर टिकी हुई हैं, जो कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
गुरुवार को फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) की बैठक की मिनट्स भी मार्केट की सेंटीमेंट पर असर डाल सकती है। एक्सपर्ट ने बताया कि भारत में सोने और चांदी का आयात (Import of Gold and Silver into India) सितंबर में अगस्त की तुलना में लगभग दोगुना हुआ। इसकी वजह त्योहार और शादी का सीजन है।
सोने की कीमत रिकॉर्ड हाई के आसपास बनी हुई है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, आने वाले हफ्ते में भी सोने की कीमतें अस्थिर रहने की संभावना है।
निवेशकों की नजरें मुख्य रूप से अमेरिकी सरकार के फंडिंग बिल, लेबर मार्केट डेटा और फेडरल रिजर्व की टिप्पणियों पर टिकी हुई हैं, जो कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
पिछले हफ्ते की तेजी और कारण-
पिछले हफ्ते सोने की कीमतों में 3.5-4 प्रतिशत की तेजी आई, जिसका कारण कमजोर अमेरिकी डॉलर और आंशिक अमेरिकी सरकारी शटडाउन की चिंता है। इससे महत्वपूर्ण आर्थिक डेटा की रिलीज में देरी हुई।
जिसके चलते निवेशक इस महीने के अंत में संभावित फेड दर कट को भी ध्यान में रख रहे हैं। MCX पर दिसंबर डिलीवरी वाली सोने की फ्यूचर्स कीमतें पिछले हफ्ते 3,222 रुपये या 2.8 प्रतिशत बढ़ीं। शुक्रवार को सोना 1,18,113 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जो हफ्ते के दौरान दर्ज अपने ऑल-टाइम हाई 1,18,444 रुपये के करीब था।
AlphaaMoney के ज्योति प्रकाश के मुताबिक, सोने में निवेश का फायदा सिर्फ बड़ी तेजी में नहीं है। बल्कि, यह मामूली गिरावट के बावजूद सुरक्षित तरीके से लाभ कमाने का अवसर भी देता है। यानी सोना धीरे-धीरे और स्थिर तरीके से मुनाफा देने वाला निवेश है।
गोल्ड में तेजी की वजह-
बढ़ती ETF होल्डिंग्स, केंद्रीय बैंक की डिमांड (Central bank demand), और मजबूत सट्टेबाजी ने सोने की कीमतों में तेज़ी लाई है। उत्पादन लागत से अलग होने के कारण, प्रोड्यूसर मार्जिन 55 साल के उच्च स्तर पर हैं।
एंजेल वन के प्रथमेश माल्या (Prathamesh Mallya) का कहना है कि घरेलू बाजार में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। उन्होंने इस तेज़ी को अमेरिकी सरकारी शटडाउन, संभावित फेड दर कट, और विभिन्न देशों पर टैरिफ के प्रभाव से जोड़ा है।
इस साल 46% बढ़ा दाम-
Emkay Global Financial Services की रिसर्च एनालिस्ट रिया सिंह के अनुसार, सोने की कीमतों ने पिछले हफ्ते लगातार पांचवें सत्र में नए ऑल-टाइम हाई बनाए। अमेरिकी राजनीतिक और मौद्रिक अस्थिरता के बीच सोना सुरक्षित निवेश के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।उन्होंने आगे कहा, 'इस साल अब तक सोने की कीमतों में 46 प्रतिशत से अधिक की बढ़त हुई, जो 1979 के बाद सबसे बड़ी सालाना तेजी है।' इस तेजी के पीछे गोल्ड-सपोर्टेड ETF में निवेश और सुरक्षित निवेश की मांग रही। डॉलर की बढ़त दो संभावित फेड दर कट की उम्मीद के कारण सीमित रही। वहीं, यूरोप में भू-राजनीतिक तनावों ने सोने को आकर्षक बनाए रखा।
चांदी की कीमतों में भी तेजी-
पिछले हफ्ते चांदी की कीमतों (silver price) में भी मजबूती देखी गई। दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी 3,855 रुपये या 2.72 प्रतिशत बढ़कर शुक्रवार को 1,45,744 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई, जबकि हफ्ते में इसका ऑल-टाइम हाई 1,46,975 रुपये प्रति किलोग्राम रहा।
SmartWealth.ai के फाउंडर पंकज सिंह का कहना है कि चांदी लगातार कई महीने से तेजी दिखा रही है। सितंबर में MCX और Comex दोनों पर लगातार बढ़त रही। चांदी का मजबूत प्रदर्शन इसके मौद्रिक और औद्योगिक इस्तेमाल के कारण है। Singh के अनुसार, सोलर पैनल, EV और इलेक्ट्रॉनिक्स में मजबूत मांग और सीमित आपूर्ति ने चांदी के बाजार को टाइट बनाए रखा।
JM Financial Services के प्रणव मेर का कहना है कि घरेलू चांदी की कीमतें उतार-चढ़ाव भरी रहेंगी, लेकिन ऊपर की ओर झुकाव बनाए रखेगी। उन्होंने संभावित निकटतम स्तर 1,50,000-1,70,000 रुपये प्रति किलोग्राम बताए।
आगे की संभावनाएं क्या हैं?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि सुरक्षित निवेश की निरंतर मांग, कमजोर अमेरिकी डॉलर, और वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितता के चलते सोने की चमक बनी रहेगी। बाज़ार में बीच-बीच में मुनाफा बुकिंग (booking) से उतार-चढ़ाव आ सकता है, लेकिन यह वर्तमान तेजी को प्रभावित नहीं करेगा। सोना निवेशकों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बना रहेगा।
