Gold Price : सोना खरीदने की नो टेंशन, धनतेरस पर 76000 रुपये में खरीदें 10 ग्राम सोना
HR Breaking News : (Gold Price Today) त्योहारों के इस सीजन में अगर आप भी सोना चांदी खरीदारी करने जा रहे हैं तो आपके लिए यह खबर बड़े ही काम की है। इन दिनों सोने के भाव 130000 के पार बोल रहे हैं। लगातार सोने के बढ़ रहे भाव को देख अंदाजा लगाया जा रहा है की आने वाले दिनों में सोना आम आदमी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। लेकिन अगर आप धनतेरस पर सोने खरीदारी करना चाहते हैं तो आपके लिए यह खबर बड़े काम की है। क्योंकि धनतेरस पर सोने के भाव में कमी आने वाली है।
गोल्ड प्राइस की ऊंची कीमतें इस बार धनतेरस पर सोने की शॉपिंग (Latest Gold Price) को थोड़ा फीकी कर सकती है। हालांकि, आप 76561 रुपये में भी दस ग्राम सोना खरीद सकते हैं।
24K गोल्ड सबसे शुद्ध माना जाता है, जिसके 10 ग्राम की कीमत 127471 रुपये है। लेकिन, 76561 रुपये के भाव में हम जिस सोने की बात कर रहे हैं वह 14K गोल्ड है। अगर आपको धनतेरस पर सोने की खरीदारी (gold purchasing tips) मुहूर्त और शुभ-लाभ की भावना के लिहाज से करना है तो 14 कैरेट गोल्ड खरीद सकते हैं।
585 शुद्धता वाला गोल्ड
14 कैरेट गोल्ड को 585 शुद्धता वाले सोने के तौर पर भी जाना जाता है। इसका मतलब है कि 58.5% शुद्ध सोना और 41.5% मिश्र धातुएं जैसे तांबा, चांदी या जस्ता होता है। सोने की मजबूती बढ़ाने (Gold Rate Hike) के लिए मिश्र धातुएं मिलाई जाती हैं, जिससे यह रोज़मर्रा के गहनों के लिए ज़्यादा उपयुक्त हो जाता है।
14K गोल्ड USA में काफी लोकप्रिय
585 शुद्धता वाला सोना एक लोकप्रिय विकल्प है क्योंकि यह शुद्ध सोने के मूल्य (gold price today) से कम कीमत पर आता है और रोजमर्रा में पहनने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। खास बात है कि अमेरिका जैसे देश में 14K गोल्ड सबसे मशहूर है।
दरअसल, किसी वस्तु को सोना कहलाने के लिए न्यूनतम कैरेट की मात्रा (Minimum Carat Quantity) देश के अनुसार अलग-अलग होती है। अमेरिका में 10 कैरेट सोने के कैरेट का कानूनी न्यूनतम स्वीकृत मानक है, जबकि 14 कैरेट काफी पॉप्युलर है।
बता दें कि मुंबई के सर्राफा बाजार (Bullion market in Mumbai) में 24 कैरेट गोल्ड 130874 रुपये प्रति दस ग्राम मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से सोने में लगातार तेजी (Gold Rate Hike) का सिलसिला जारी है, खासकर अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड व टैरिफ तनाव (tariff tension) बढ़ने और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती (cut interest rates) की उम्मीदों के कारण।
