Gold Storage Rule 2025 : घर में इतने ग्राम रख सकते हैं सोना, जान लें इनकम टैक्स के नियम
Gold Storage Rule 2025 : देश में सोने में निवेश (gold invest) मुख्य रूप से गहनों के रूप में किया जाता है। मौजूदा समय में भी गोल्ड की फिजिकल वैल्यू यानी सोने के गहनों की चमक कम नहीं हुई है। लेकिन क्या आपको पता है कि आप घर में कितना सोना रख सकते हैं... अगर नहीं तो चलिए आइए जान लेते है इस खबर में-

HR Breaking News, Digital Desk- (How much Gold can Keep in Home) देश में सोने में निवेश (gold invest) मुख्य रूप से गहनों के रूप में किया जाता है, जहां इसका उपयोग भविष्य को सुरक्षित रखने और सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व के लिए होता है। यहां लोग सोने को निवेश से ज़्यादा आभूषण के तौर पर देखते हैं।
हालांकि, हाल के वर्षों में निवेश के कई आधुनिक विकल्प जैसे गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF), सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (soverign gold bond) और गोल्ड म्यूचुअल फंड (gold mutual fund) लोकप्रिय हुए हैं, जो अब निवेशकों को अधिक लचीलेपन और सुरक्षा के साथ सोने में निवेश करने का अवसर दे रहे हैं।
भारत में तब भी गोल्ड की फिजिकल वैल्यू यानी सोने के गहनों की चमक कम नहीं हुई है। लेकिन क्या आपको पता है कि आप घर में कितना सोना रख सकते हैं?
घर में कितना रख सकते हैं सोना-
- अगर किसी विवाहित महिला के पास 500 ग्राम तक की गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तो उसे टैक्स अधिकारी जब्त नहीं करेंगे।
- अगर किसी अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तक गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तो उसे जब्त नहीं किया जाएगा।
- किसी विवाहित या अविवाहित पुरुष सदस्य का 100 ग्राम तक के गोल्ड ज्वेलरी को जब्त नहीं किया जाएगा।
ध्यान देने वाली बात यह है कि मात्रा की यह सीमा परिवार के एक सदस्य के लिए है। इसका मतलब है कि अगर परिवार में दो विवाहित महिला सदस्य हैं तो कुल सीमा 500 ग्राम से बढ़कर एक किलोग्राम हो जाएगी। सीबीडीटी के इस निर्देश का मकसद हर गोल्ड ज्वेलरी की बरामदगी (recovery of gold jewellery) को जब्ती की प्रकिया से बाहर रखना था।
घर में इतना रख सकते हैं नियम-
विवाहित महिला: 500 ग्राम तक सोना
अविवाहित महिला: 250 ग्राम सोना
पुरुष: केवल 100 ग्राम सोना
CBDT के क्या हैं नियम-
आयकर छापों में अक्सर घरों से सोने की ज्वेलरी या अन्य प्रकार का सोना मिलता है, जो भारत में सोना रखने की पुरानी परंपरा के कारण आम है। इस परंपरा को देखते हुए, सोने की ज्वेलरी या अन्य रूपों में सोना मिलने पर तुरंत संदेह करना उचित नहीं है। इसी को ध्यान में रखते हुए, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने 1994 में एक निर्देश जारी किया था ताकि इस संबंध में स्पष्टता प्रदान की जा सके।
CBDT का यह निर्देश इनकम टैक्स (Income tax) अधिकारियों के लिए था। इसमें कहा गया था कि छापों के दौरान एक खास मात्रा तक गोल्ड ज्लैवरी (gold jewellery) या दूसरे रूप में सोने को जब्त नहीं किया जाए। इसके लिए परिवार के सदस्यों के लिए मात्रा की अलग-अलग लिमिट तय की गई थी।
गोल्ड कंट्रोल एक्ट 1968-
भारत में गोल्ड कंट्रोल एक्ट (gold control act), 1968 के तहत लोगों के सोना रखने की सीमा तय थी। हालांकि, जून 1990 में इस कानून को खत्म कर दिया गया। तब से लेकर अब तक सरकार (government) ने सोना रखने की कोई नई कानूनी सीमा तय नहीं की है। इसका मतलब है कि वर्तमान में कोई भी व्यक्ति या परिवार अपने पास कितना भी सोना रख सकता है, इस पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है।