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Income Tax : ईमानदार टैक्सपेयर्स को इनाम, सरकार इनकम टैक्स को लेकर करने जा रही ये 5 बड़े बदलाव

Union Budget 2025 : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को साल 2025 का यूनियन बजट पेश करने जा रही है। ऐसे में पर्सनल इनकम टैक्स के नियमों में बदलाव की उम्मीद बढ़ गई है। देश में इंडिविजुअल टैक्स अदा करने वालों की संख्या 7.5 करोड़ से ज्यादा हो गई है। इसके बाद भी केंद्र सरकार और इनकम टैक्स विभाग की ओर से इंडिविजुअल इनकम टैक्सपेयर्स (Individual Income Taxpayers) को अनदेखा किया गया है। पिछले लंबे अंतराल से टैक्स अदा करने वाली सभी कैटेगरी को उनके ईनाम से दूर रखा जा रहा है। 

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Income Tax : ईमानदार टैक्सपेयर्स को इनाम, सरकार इनकम टैक्स को लेकर करने जा रही ये 5 बड़े बदलाव

HR Breaking News (ब्यूरो)। 14 साल से सालाना 10 लाख रुपये की कमाई पर सरकार ने 30 फीसदी टैक्स का स्लैब (tax slab) बनाया हुआ है। इनफ्लेशन (inflation) के आधार पर बात की जाए तो सरकार और इनकम टैक्स (income tax) को टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 21.3 लाख तक किया जाना चाहिए। सरकार की नीतियों का फर्क बताता है कि टैक्स पॉलिसी और आर्थिक हकीकत के बीच कितना अंतर है। देश में इनकम टैक्स भरने वाले करीब 60 प्रतिशत लोग टैक्स भरने के लिए इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 80 सी (Income Tax Act Section 80C) का इस्तेमाल करते हैं। इसके बावजूद भी सरकार ने साल 2014 के बाद से इस सेक्शन की 1.5 लाख रुपये की लिमिट नहीं बढ़ाई है।


पिछले साल इक्विटी म्यूचुअल फंड में आया बड़ा निवेश


पिछले साल 2024 के फांइनेसियल ईयर (financial year) में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (mutual funds) में लोगों ने 1.84 लाख करोड़ रुपये तक का निवेश किया है। इनकम टैक्स में डिडक्शन (income tax) के लिए लोगों ने म्यूचुअल फंड का सहारा लेना शुरु कर दिया है।

 
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा का अभाव


देश के ज्यादातर डॉक्टर्स मट्रो शहरों में रह रहे है। ऐसे में मेट्रो शहर में रहने वाले लोगों को मेडिकल सुविधाओं (medical facilities) का भरपूर फायदा मिल रहा है। वहीं, दुसरी ओर ग्रामीण इलाके (rural areas) में रहने वाले को डॉक्टर्स की कमी के चलते स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। साल 2024 तक ग्रामीण इलाके में रहने वाले केवल 30 प्रतिशत लोगों के पास हेल्थ पॉलिसी की सुविधा (policy facility) थी। ऐसे में ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों को पॉलिसी लेने के लिए प्रोत्साहित करने की जरुरत है, क्योंकि इलाज पर आने वाला खर्च लगातार बढ़ रहा है। 

इन सभी आंकड़ों से ज्ञात होता है कि सरकार को इनकम टैक्स और पर्सनल फाइनेंस (personal finance) की पॉलिसी में बदलाव (change in policy) करने की बहुत जरुरत है। ऐसा करने पर लोगों को अपनी संपति बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी। उम्मीद है कि सरकार 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट (Budget update) में पर्सनल फाइनेंस के मामले में निम्नलिखित कदम उठा सकती है:

इनकम टैक्स के रिफॉर्म्स

1. नई टैक्स रीजीम (new tax regime) में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जा सकती है।

2. ओल्ड रीजीम (Old tax regime) में सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स स्लैब में बदलाव करने की जरूरत है। 6 फीसदी इनफ्लेशन रेट को ध्यान में रख इसे बढ़ाकर 21.3 फीसदी किया जा सकता है।

3. इनकम टैक्स की नई रीजीम में सालाना 15 लाख रुपये के स्लैब को बढ़ाकर 20.1 लाख रुपये किया जा सकता है।

4. इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में सेक्शन 80सी की लिमिट को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने की जरूरत है।

5. ओल्ड रीजीम (Old regime) में सेक्शन 80डी के तहत के तहत हेल्थ पॉलिसी (Health Policy) पर मिलने वाले डिडक्शन को 25,000 से बढ़ाकर 50,000 किया जाए। सीनियर सिटीजंस के लिए डिडक्शन को बढ़ाकर 70,000 रुपये किया जाए।

लोगों की मांगों को ध्यान में रखते हुए सरकार अगर सेक्शन 80सी (Income Tax Act Section 80C) के तहत डिडक्शन बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करती है तो इससे करदाता ELSS, PPF और एनपीएस में निवेश करने और बढ़ाने के लिए उत्साहित होंगे। इसके अलावा उनकी संपत्ति में बढ़ावा और वे बची हुई पूंजी से अपनी फाइनेंशियल सिक्योरिटी को बढ़ा सकेंगे।

सेविंग्स और इनवेस्टमेंट के लिए प्रोत्साहन

1. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (Long Term Capital Gains) से एनुअल एग्जेम्प्शन लिमिट को 1.25 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया जाए।

2.LTCG टैक्स को 12.5 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया जाए।

3. इक्विटी म्यूचुअल फंड पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर 15 फीसदी टैक्स का रेट बहाल किया जाए।

4. आम लोगों और सीनियर सिटीजंस के लिए सेक्शन 80TTA के तहत बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के इंटरेस्ट पर एग्जेम्प्शन को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया जाए। सेक्शन 80TTB के तहत एग्जेम्प्शन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जाए।

5. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24बी के तहत होम लोन के इंटरेस्ट पर मिलने वाले सालाना 2 लाख रुपये के डिडक्शन को बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जाए।