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Income Tax : इनकम टैक्स की इन 4 धारा के तहत मिलती है टैक्स छूट, टैक्सपेयर्स ऐसे बचा सकते हैं लाखों रुपये

Income tax news :भारत में टैक्स बचाने के कई तरीके हैं, जिन्हें सही तरह से अपनाकर लाखों रुपये की बचत की जा सकती है। अगर आप सही निवेश विकल्पों और टैक्स बचत योजनाओं का चुनाव करते हैं, तो न सिर्फ टैक्स कम होगा, बल्कि आपका वित्तीय भविष्य भी मजबूत बनेगा। समय रहते इन उपायों का लाभ उठाना आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है और आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकता है। आईये नीचे खबर में जानते हैं इनकम टैक्स की 4 धारा के तहत कैसे टैक्स में छूट पा सकते हैं। 

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Income Tax : इनकम टैक्स की इन 4 धारा के तहत मिलती है टैक्स छूट, टैक्सपेयर्स ऐसे बचा सकते हैं लाखों रुपये

HR Breaking News (ब्यूरो)। टैक्स बचाने के उपाय आपके वित्तीय भविष्य को बेहतर बना सकते हैं। सही निवेश और टैक्स बचत योजनाओं को समझकर और लागू करके आप अपनी टैक्स देनदारी को कम (How to save income tax) कर सकते हैं। इसके साथ ही, आपकी संपत्ति भी बढ़ सकती है। इस प्रक्रिया से न केवल आपकी टैक्स देनदारी कम होगी, बल्कि लंबी अवधि में आपको अच्छे वित्तीय लाभ भी मिल सकते हैं।

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पेमेंट और देनदारी का सही से करें आकलन - 

 

नए साल के में लोग टैक्स बचाने के नए तरीके खाज रहे हैं और यदि आप अब से ही टैक्स बचाने के उपायों पर काम करना शुरू कर दें, तो साल के अंत तक आप काफी टैक्स बचा (income tax) सकते हैं। अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत अप्रैल से होगी, यानी आपके पास अभी तीन महीने का समय है। इस समय में आप अपने टैक्स पेमेंट और देनदारी का सही तरीके से आकलन कर सकते हैं और टैक्स बचाने (Tax Saving Tips) के लिए कौन से उपाय सही रहेंगे, इस पर विचार कर सकते हैं। साथ ही, अपनी वित्तीय स्थिति का भी मूल्यांकन करना जरूरी है, ताकि आप बेहतर तरीके से टैक्स बचा सकें।

 

 

क्या है पुरानी टैक्स व्यवस्था -

 

टैक्स बचाने के बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत उन लोगों को है, जिनकी सालाना आय 7 लाख रुपये से अधिक है। यदि किसी की आय 7 लाख रुपये से कम है, तो वे नई टैक्स व्यवस्था (income tax department) को चुनकर बिना किसी टैक्स की देनदारी के अपने खर्चों को पूरा कर सकते हैं। लेकिन अगर उनकी आय 7 लाख रुपये से ज्यादा है, तो पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) को अपनाकर वे कई तरीके से टैक्स बचा सकते हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि लोग यह जानें कि कौन से तरीके उन्हें ज्यादा टैक्स बचाने में मदद कर सकते हैं।

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पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था में फर्क -


टैक्स बचाने के उपायों पर विचार करने से पहले, यह समझना जरूरी है कि आपकी आय और कर संरचना कैसी है। यह जानना अहम है कि आपको किस जगह पर ज्यादा छूट मिल सकती है। पुराने टैक्स सिस्टम में टैक्सपेयर्स को कई प्रकार की छूट और डिडक्शन (standard deduction) का लाभ उठाने का अवसर मिलता है। इस व्यवस्था के तहत लगभग 70 तरह की कटौतियां (tax deduction on salary) और छूट उपलब्ध हैं, जो आपकी टैक्स योग्य आय को घटाने में मदद करती हैं। इसके अलावा, आप धारा 80C के (income tax act) तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा भी कर सकते हैं, जिससे आपकी टैक्स बिल कम हो सकता है।


नई कर व्यवस्था में यह है प्रावधान -

 

केंद्रीय बजट 2020 में नई कर व्यवस्था की शुरुआत की गई थी, जिसमें करदाताओं को रियायती दरों का फायदा दिया गया। हालांकि, इस व्यवस्था को अपनाने वाले लोग कुछ प्रमुख कटौती जैसे HRA (HRA on basic salary), LTA (Leave Travel Allowance) और धारा 80C का लाभ नहीं उठा सकते। बजट 2023 में सरकार ने इस नई व्यवस्था को स्वचालित रूप से लागू होने वाला विकल्प बना दिया। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति पुरानी और नई कर व्यवस्था में से एक का चयन नहीं करता, तो उसका टैक्स स्वचालित रूप से नई व्यवस्था के हिसाब से तय होगा।

 

टैक्‍स बचाने की ट्रिक -

टैक्सपेयर्स को अपनी आय पर टैक्स छूट का लाभ उठाने के लिए कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (National Savings Certificate), यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान(Unit-Linked Insurance Plan) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) शामिल हैं। इन योजनाओं में निवेश करने से आपको धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिल सकती है। इस छूट की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये तक होती है, जिससे आप अपनी टैक्स देनदारी को काफी हद तक कम कर सकते हैं।


जानिये कैसे मिलेगा टैक्‍स सेविंग का फायदा -

धारा 80C: इस धारा के तहत, टैक्सपेयर्स को जीवन बीमा कंपनियों द्वारा दी गई पेंशन योजनाओं में किए गए योगदान के लिए 1.5 लाख (income tax rule) रुपये तक की सालाना टैक्स कटौती का लाभ मिलता है। यह कटौती बचत और निवेश की अन्य योजनाओं जैसे PPF, NSC आदि पर भी लागू होती है, जिससे आपकी टैक्स देनदारी कम होती है।


धारा 80CCD (1): इस धारा के तहत, टैक्सपेयर्स अपने राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) खाते में किए गए योगदान पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये (tax assumption rules in law) तक की कटौती की जा सकती है, जिससे आपकी टैक्स देनदारी घटती है और आपको वित्तीय सुरक्षा भी मिलती है।


धारा 80D: इस धारा के तहत, टैक्सपेयर्स को अपनी और अपने परिवार जिनमें पति-पत्नी, माता-पिता और आश्रित बच्चे शामिल हैं, इनके लिए मेडिकल बीमा प्रीमियम पर टैक्स (income tax Rule) कटौती का लाभ मिलता है। सामान्य नागरिकों के लिए इस कटौती की सीमा 25,000 रुपये सालाना है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये तक निर्धारित की गई है।


धारा 80CCD (1B): इस धारा के तहत, टैक्सपेयर्स को अपने राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में किए गए योगदान के लिए अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की कटौती का लाभ (tax rebate rules) मिलता है। यह छूट धारा 80CCD (1) के अलावा है, जिससे NPS में निवेश करने वालों को और अधिक टैक्स बचाने का मौका मिलता है।

वर्ष 2025 के लिए टैक्‍स व्यवस्था में हुए बदलाव -

वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025 से, भारत सरकार ने कर व्यवस्था  (tax deduction) में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब, 7 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को टैक्स में छूट मिलेगी, जबकि पहले यह सीमा 5 लाख रुपये थी। इसका मतलब यह है कि 7 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इसके अलावा, नई कर व्यवस्था में 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा पहले की तरह बनी रहेगी, लेकिन वित्त वर्ष 2024-25 से यह सीमा बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी गई है। इस बदलाव से करदाताओं को राहत मिलेगी और वे कम टैक्स (income tax rules 2025) देंगे।