smartphone स्मार्टफोन से हमें बहुत सारी जानकारी और मनोरंजन मिलता है, लेकिन यह बच्चों के दिमाग पर भी बुरा असर डाल सकता है. एक हालिया पॉडकास्ट में, सोशल साइकोलॉजिस्ट डॉ. जोनाथन हैड्ट ने कहा कि माता-पिता को बच्चों को स्मार्टफोन कम इस्तेमाल करने के लिए कहना चाहिए.
अगर बच्चे बहुत देर तक जैसे कि मोबाइल फोन देखना, तो उनकी आंखों का आकार बदल सकता है। यदि बच्चे अधिक समय घर के अंदर बिताते हैं और बाहर नहीं निकलते हैं, तो उनकी आंखों की रोशनी कम होने का खतरा अधिक होता है। बच्चों को धूप में खेलना चाहिए, इससे उनकी आंखों की रोशनी अच्छी रहती है।
अगर बच्चे बहुत देर तक मोबाइल या कंप्यूटर पर देखते हैं, तो उनका दिमाग धीरे-धीरे विकसित होता है. एक स्टडी में पाया गया कि जो बच्चे दो या तीन साल की उम्र में बहुत देर तक मोबाइल देखते हैं, उनका विकास तीन या पांच साल की उम्र में धीमा होता है.
डॉ. एंड्रयू ह्यूबरमैन ने भी कहा कि बचपन और किशोरावस्था में बच्चों का दिमाग बहुत तेज़ी से विकसित होता है. फोन से बच्चों के दिमाग के विकास में बाधा आ सकती है. इससे बच्चों को ध्यान लगाने में और अपनी भावनाओं को समझने में दिक्कत हो सकती है. जो बच्चे बहुत देर तक स्मार्टफोन देखते हैं
डॉ. हैड्ट ने कहा कि स्मार्टफोन का अत्यधिक इस्तेमाल बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बुरा हो सकता है सोशल मीडिया पर बच्चों को काफी दबाव का सामना करना पड़ता है खासकर लड़कियों को। बच्चों को सोशल मीडिया से तुरंत संतुष्टि मिलती है जिससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं
अगर बच्चे बहुत देर तक स्मार्टफोन देखते हैं, तो उनका सोचने की क्षमता कम हो सकती है और स्मार्टफोन के कारण बच्चे इंटरनेट पर ऐसी चीजें देख सकते हैं जो उनके लिए अच्छी नहीं हैं. डॉ. हैड्ट ने बताया कि कुछ इंटरनेट चैलेंज बच्चों को बहुत डरा सकते हैं और उनके दिमाग पर बुरा असर डाल सकते हैं.