
अगर आपको भी कहीं आधी कीमत या उससे भी कम कीमत पर आईफोन मिल रहा है तो उसे खरीदने के बजाय सावधान हो जाएं। आपको भारी नुकसान हो सकता है और आप परेशानी में भी पड़ सकते हैं. यहां जानिए आपको सस्ता आईफोन क्यों नहीं खरीदना चाहिए।
सबसे पहले तो ये सोचने वाली बात है कि जो प्रोडक्ट इतना महंगा है उसे कोई इतने सस्ते में क्यों बेच रहा है? ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कई डिस्काउंट लागू करने के बाद भी iPhone 13 सीरीज से ऊपर का कोई भी फोन आपको 50 हजार रुपये से कम कीमत में नहीं मिल सकता है.
iPhone की प्रामाणिकता जांचने के लिए आपको iPhone का IMEI नंबर जांचना होगा। प्रत्येक iPhone का अपना 15-17 अंकों का विशिष्ट संख्यात्मक नंबर होता है, जो सभी iPhone के लिए अलग-अलग होता है। इस कोड के जरिए आप आसानी से चेक कर सकते हैं. इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है,
इसे चेक करने के लिए आईफोन की सेटिंग्स में जाएं, यहां जनरल ऑप्शन पर क्लिक करें और अबाउट ऑप्शन पर जाएं। यहां iPhone का IMEI नंबर दिखेगा. अगर यहां IMEI नंबर नहीं दिखाया गया है तो यह iPhone नकली हो सकता है।
iPhone डिज़ाइन और इनबिल्ट ऐप्स: iPhone में कई ऐप्स इनबिल्ट आते हैं जैसे Safari, हेल्थ और iMovie, अगर ये सभी ऐप्स आपको नहीं दिख रहे हैं तो यह iPhone संदेह के दायरे में आता है। इसके अलावा फोन का डिस्प्ले भी चेक कर लें। नए मॉडलों का डिस्प्ले आसानी से चेक किया जा सकता है।
इसके लिए आपको बस iPhone की सेटिंग्स में जाकर डिस्प्ले और ब्राइटनेस ऑप्शन पर जाकर ट्रू टोन को एक्टिवेट करना होगा। तो डिस्प्ले ठीक है। यदि आप ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं, तो इस बात की अच्छी संभावना है कि iPhone की मरम्मत या कस्टमाइज़ेशन किसी स्थानीय स्टोर पर किया गया हो।