गर्मियों में बर्फीले पहाड़ों को छूने का है मन, तो ट्रैकिंग के लिए बेस्ट हैं ये 5 जगहें

पिथौरागढ़ जिला अपनी खूबसूरत हिमालयी वादियों के लिए देशभर में मशहूर है। देश के कोने-कोने से पर्यटक यहां ट्रैकिंग के लिए भी आते हैं। अगर आप भी गर्मी की छुट्टियों में ट्रैकिंग पर जाने के मूड में हैं तो आपके लिए पिथौरागढ़ के ये पांच हिमालयी ट्रैक परफेक्ट डेस्टिनेशन साबित हो सकते हैं।

पंचाचुली बेस कैंप

पंचाचूली बेस कैंप सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला ट्रेक है, यहां गर्मियों में भी आपको बर्फ देखने को मिलती है। पिथौरागढ़ से दारमा घाटी की दूरी 150 किलोमीटर है। यहां स्थानीय लोगों ने पर्यटकों के लिए होम स्टे की सुविधा उपलब्ध कराई है। पंचाचूली बेस कैंप तक कोई भी आसानी से जा सकता है।

पिण्डारी ग्लेशियर

पिंडारी ग्लेशियर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक ग्लेशियर है। यह ग्लेशियर 9 किलोमीटर लंबा और 400 मीटर चौड़ा है। पिंडर नदी भी इसी ग्लेशियर से निकलती है। पिंडर ग्लेशियर पैदल यात्रा (ट्रैकिंग) के लिए प्रसिद्ध है। इसके चारों ओर ट्रैकिंग रूट लगभग 90 किलोमीटर है।

खलिया टॉप

खलिया टॉप ट्रैकिंग के लिए जाना माना पर्यटक स्थल है, इसे हिमनगरी भी कहा जाता है. मुनस्यारी से खलिया टॉप की दूरी 9 किलोमीटर है, जिसे पैदल ट्रैक करके पूरा किया जाता है. यहां आने का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जहां से टैक्सी करके आसानी से पहुंचा जाता हैं.

नामिक गांव

नामिक गाँव मुनस्यारी तहसील का अंतिम गाँव है, नामिक ग्लेशियर जाने वाले ट्रैकर नामिक गाँव की सुंदरता से अभिभूत हो जाते हैं। ग्लेशियर तक नामिक गांव से होकर पहुंचा जाता है, जहां खारे पानी के झरने मौजूद हैं। नामिक गांव की दूरी पिथौरागढ़ से 130 किलोमीटर है।

नन्दा देवी पर्वत

नन्दा देवी पर्वत भारत की दूसरी एवं विश्व की 23वीं सर्वोच्च चोटी है. नंदा देवी उत्तराखंड राज्य में हिमालय पर्वत श्रृंखला में पूर्व में गोरीगंगा घाटियों और पश्चिम में ऋषिगंगा घाटियों के बीच स्थित है। इसकी ऊंचाई 7,816 मीटर है. इस चोटी को मुख्य देवी के रूप में पूजा जाता है.