
कार को अच्छे से चलाने के लिए उसकी रेगुलर सर्विसिंग करवाना बहुत जरूरी है. रेगुलर सर्विसि कराने से कार की उम्र बढ़ती है साथ ही इससे कार में होने वाली खराबी का पहले ही पता चल जाता है, लेकिन कार की सर्विसिंग के समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, नहीं तो बड़ा नुकसान हो सकता है.
कार की सर्विसिंग कंपनी द्वारा बताए गए समय पर ही करानी चाहिए। आम तौर पर, हर 6 महीने या 10,000 किलोमीटर पर सर्विसिंग की सिफारिश की जाती है।
कार की सर्विसिंग से पहले कार में मौजूद सभी जरूरी सामान हटा दें। कार के इंजन ऑयल, एयर फिल्टर, कूलेंट लेवल की जांच करें। कार के स्पार्क प्लग और ब्रेक की भी जांच करें कि वे ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। अगर आपको कोई खराबी महसूस हो तो इसकी जानकारी सर्विस सेंटर के मैकेनिक को जरूर दें
आपको अपनी कार के बारे में पता चल जाएगा कि उसमें क्या खराबी है या किस हिस्से में दिक्कत आ रही है। इसलिए सर्विस करवाने से पहले उन कामों की एक लिस्ट बना लें जो आपको जरूरी लगते हैं। क्योंकि कई बार सर्विस सेंटर का मैकेनिक आपको कुछ ऐसे काम भी बता सकता है, जिससे आपके पैसे बच सकते हैं।
सर्विस सेंटर पर मैकेनिक से पूछें कि वह क्या काम करने जा रहा है। अगर वे आपसे कोई ऐसा काम करने को कहें जिसके बारे में आपको जानकारी न हो तो उसके बारे में जरूर पूछें। अगर आपको लगता है कि कोई काम जरूरी नहीं है तो आप उसे मना कर सकते हैं।
सर्विस के बाद मैकेनिक से बिल लें. बिल में किए गए सभी कामों की सूची और उनके दाम होते हैं. सर्विसिंग के बाद कार की टेस्ट ड्राइव जरूर करें अगर आपकी कार नई है तो उसकी निर्माता द्वारा अधिकृत सर्विस सेंटर से ही सर्विस करवाएं और कंपनी द्वारा सुझाए गए स्पेयर पार्ट्स का ही इस्तेमाल करें.