व्हिस्की, एक ऐसा शब्द जो पीने के शौकीन लोगों के लिए किसी संगीत की धुन की तरह है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि व्हिस्की के दो मुख्य प्रकार होते हैं: स्कॉच और व्हिस्की?, लेकिन यह भी सच है कि दोनों के बीच कई अंतर हैं। और इसी के चलते आज हम इन दोनों के बिच का अंतर बताने वाले हैं जानिए..
व्हिस्की आमतौर पर जौ, मक्का, राई और गेहूं सहित अनाज के मिश्रण से बनाई जाती है। स्कॉच विशेष रूप से माल्टेड जौ से बनाया जाता है। माल्ट सूखे जौ के बीजों को माल्टिंग नामक प्रक्रिया के माध्यम से अंकुरित करने का परिणाम है।
व्हिस्की एक डिस्टिल्ड स्पिरिट है। अनाज, पानी और खमीर के मिश्रण को डिस्टिल्ड करके बनाया जाता है और फिर ओक बैरल में स्पिरिट को कम से कम तीन वर्ष रखा जाता है जिसे ऐजिंग कहते हैं। ऐजिंग की प्रक्रिया व्हिस्की को उसका खास रंग, फ्लेवर और स्वाद देती है। व्हिस्की एक लोकप्रिय शराब है
ऐसे कई कारक हैं जो इन दोनों के बीच अंतर पैदा करते हैं। इनमें सामग्री, उत्पादन का तरीका और स्वाद शामिल है। स्कॉच का खास स्मोकी स्वाद उत्पादन के दौरान माल्टेड जौ को सुखाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पीट की आग से भी आता है। पीट का इस्तेमाल माल्टिंग प्रोसेस के दौरान किया जाता है
स्कॉच का एक खास स्वाद है जो इसे किसी भी तरह की व्हिस्की से अलग करता है स्कॉच को ओक बैरल में रखा जाना भी इसके टेस्ट को और रिच करता है। यह जितनी अधिक पुरानी होती है इसका टेस्ट और ज्यादा फाइन हो जाता है। जो पीने के पुराने शौकीन हैं उनको स्कॉच ज्यादा पसंद आती है।
करीब दो दशक पहले भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहली सिंगल माल्ट व्हिस्की बनाकर दुनिया को अचम्भे में डाल दिया था – वो थी अमृत सिंगल माल्ट। बेंगलुरु की कंपनी अमृत डिस्टिलीटीज लिमिटेड के तत्कालीन चेयरमैन नीलकांत जगदले और उनके पुत्र रक्षित ने ये अद्भुत काम कर दिखाया था।