अगले हफ्ते से देश-दुनिया में नवरात्रि का जश्न शुरू हो जाएगा. नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होती है. आज हम आपको कलश स्थापना से जुड़े 4 वास्तु टिप्स बताने जा रहे हैं।
अगर आप नवरात्रों में विधि विधान के साथ कलश की स्थापना करते हैं तो ऐसा करके भगवान विष्णु के आगमन का आह्वान कर रहे होते हैं. आज हम नवरात्र पूजन से जुड़े बेहद अहम वास्तु उपाय आपको बताने जा रहे हैं. जिनका इस्तेमाल करके आप घर में सकारात्मकता का संचार कर सकते हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए सबसे शुभ दिशा उत्तर-पूर्व मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए इस दिशा में मां दुर्गा की मूर्ति और कलश स्थापित करने से घर में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है।
नवरात्रि के नौ दिनों तक घर में अखंड ज्योत रखी जाती है। इस लौ को पूजा स्थल पर दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह अखंड ज्योत के लिए शुभ दिशा मानी जाती है। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और घर में धन का प्रवाह बढ़ता है।
घर में नकारात्मक शक्तियों को प्रवेश करने से रोकने के लिए मुख्य दरवाजे पर ॐ का चिन्ह बनाना और देवी लक्ष्मी के पैरों के निशान लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से चाहकर भी घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है और परिवार के सदस्यों में आपसी स्नेह बढ़ता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार नौकरी और बिजनेस में तरक्की के लिए नवरात्रि के दौरान ऑफिस के मुख्य द्वार पर इसे एक छोटे कलश या बर्तन में भरकर पूर्व या उत्तर दिशा में रखें। इसके बाद इसमें लाल और पीले फूल लगाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से करियर की गाड़ी सरपट दौड़ने लगती है।