अगर एसी की गैस लीक होती है, तो कंप्रेसर ओवरलोड हो सकता है, जिससे इलेक्ट्रिकल फॉल्ट की संभावना बढ़ जाती है। अगर गैस लीक होती है, तो एयर कंडीशनर ठंडा नहीं होगा, जिससे ऊर्जा की खपत बढ़ जाती है और बिजली का बिल भी बढ़ सकता है।
एयर कंडीशनर का सही तरीके से इस्तेमाल और रखरखाव करना बहुत ज़रूरी है, नहीं तो कई तरह की परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। अगर एयर कंडीशनर में गैस लीक हो जाए तो इससे न सिर्फ़ कूलिंग में कमी आ सकती है बल्कि दूसरी बड़ी परेशानियाँ भी हो सकती हैं।
कई बार AC यूज करने वाले यूजर्स आते ही, एसी ऑन करते ही इसे 16 डिग्री सेटीग्रेट के टेम्परेचर पर सेट कर देते हैं. वहीं कुछ यूजर्स एयर कंडीशनर को बार-बार ऑन-ऑफ करते हैं. जिससे एयर कंडीशनर की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ता है और एयर कंडीशनर का कंप्रेसर जल्दी खराब हो जाता है.
गैस रिसाव से कंप्रेसर पर अधिक भार पड़ सकता है, जिससे बिजली संबंधी खराबी की संभावना बढ़ जाती है। अगर गैस रिसाव होता है, तो एयर कंडीशनर ठंडा नहीं होगा, जिससे ऊर्जा की खपत बढ़ जाती है और बिजली का बिल भी बढ़ सकता है।
अगर गैस लीक को समय रहते ठीक नहीं किया जाता है, तो इससे एयर कंडीशनर के महत्वपूर्ण हिस्सों, जैसे कंप्रेसर को स्थायी नुकसान हो सकता है। गैस लीक से हवा की गुणवत्ता भी खराब हो सकती है, जिससे सिरदर्द, चक्कर आना और सांस संबंधी अन्य समस्याएं जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
AC में इस्तेमाल होने वाली गैसें आमतौर पर ग्रीनहाउस गैसें होती हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं। अगर यह गैस लीक हो जाए तो इसका पर्यावरण पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए AC का नियमित रखरखाव करवाना और गैस लीक जैसी समस्याओं को समय रहते ठीक करवाना बहुत जरूरी है।