अगर आप यूपीआई फ्रॉड या ऑनलाइन स्कैम से बचना चाहते हैं तो आपको हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है। हैकर्स या यूं कहें कि स्कैमर्स आपको फंसाकर आपका बैंक अकाउंट भी खाली कर सकते हैं। अगर आपको साइबर क्राइम से जुड़ी कोई शिकायत है तो आप हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं
यूपीआई के आने से जहां एक ओर डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ा और लोगों को फायदा हुआ, वहीं दूसरी ओर हैकर्स या स्कैमर्स ने भी लोगों को ठगने के लिए यूपीआई स्कैम करना शुरू कर दिया।
यदि कोई अनजान व्यक्ति आपसे पैसे प्राप्त करने के लिए यूपीआई कोड स्कैन करने के लिए कहता है, NCPI के मुताबिक QR कोड को पैसे पाने के लिए नहीं बल्कि पैसे भेजने के लिए स्कैन किया जाता है. पैसे प्राप्त करने के लिए न तो QR कोड स्कैन करने की जरूरत है और न ही UPI पिन डालने की।
ज्यादातर लोग यह समझ चुके हैं कि यूपीआई पिन किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए, यही वजह है कि हैकर्स लोगों से ऐप डाउनलोड कराते हैं। जिस ऐप में आप यूपीआई के जरिए भुगतान करते हैं, उसमें अगर कोई लेनदेन होता है तो आपका यूपीआई पिन और अन्य महत्वपूर्ण और वित्तीय जानकारी हैकर तक पहुंच जाएगी
किसी साइट पर पेमेंट करते वक्त जल्दबाजी न करें, पहले साइट का यूआरएल चेक करें कि जिस साइट पर पेमेंट कर रहे हैं वो सिक्योर्ड भी है या नहीं? अनजान व्यक्ति आपको पैसे जीतने का लालच दे और आपको पैसे भेजने की बात कहें तो अलर्ट हो जाएं. पेमेंट रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने की गलती न करें.
फोन, लैपटॉप और अपने बाकी डिवाइस में भी एंटी वायरस/एंटी मालवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें. ये सॉफ्टवेयर वायरस ऐप्स की पहचान कर उन्हें ब्लॉक कर आपको बचाने का काम करते हैं.