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Agriculture News Hindi फूलों की खेती से मालामाल हो रहे किसान, आप भी करें सरकार दे रही आर्थिक मदद

Agriculture News सरकार द्वारा इस तरह के पौधों की बागवानी करने वाले किसानों को प्रोत्साहन के रूप में प्रथम वर्ष अधिकतम 6198 रूपये की राशि प्रदान की जाती है। दूसरे वर्ष जब पौधे कुछ बड़े हो जाते हैं तब 2066 रुपये की राशि तथा तीसरे वर्ष भी इतनी ही राशि किसान को प्रोत्साहन के रूप में दी जाती है।
 
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HR Breaking News, यमुनानगर ब्यूरो, पारंपरिक खेती छोड़कर फूलों की फसल की पैदावार करके किसान अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं। फूलों की खेती करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को प्रति एकड़ 6400 रुपये दिए जाने की योजना है। यह दावा जिला बागवानी अधिकारी डॉ. कृष्ण सोलंकी ने जताया है। जिला बागवानी अधिकारी डॉ. कृष्ण सोलंकी ने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए हरियाणा सरकार और बागवानी विभाग द्वारा कई लाभकारी योजनाएं शुरू की हैं। 

 

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जिन्में फूलों व सुगंधित पौधों की खेती करने वाले किसानों को राज्य सरकार द्वारा प्रति एकड़ 6400 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। इच्छुक किसान इस योजना का लाभ उठाकर पारंपरिक खेती छोड़कर फूलों की खेती करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसान इस योजना के तहत देशी गुलाब, निम्बुघास, तुलसी, खसखस व मैंथा समेत अन्य खुशबुदार पौधों की खेती करके योजना का लाभ उठा सकते हैं।

 

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डॉ. सोलंकी ने बताया कि यदि कोई किसान गेंदे की खेती करता है तो उसे भी 6400 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से उपलब्ध करवाई जा रही है। दिल्ली की निकटता होने के कारण किसान इस योजना का भरपूर लाभ उठा सकते हैं। क्योंकि दिल्ली में इन उत्पादों की बिक्री के लिए बड़ी-बड़ी मंडियां हैं और इस क्षेत्र में सुगंधित पौधों व फूलों की भारी मांग रहती है।


 उन्होंने कहा कि जो किसान छोटे पैमाने पर सुगंधित पौधों एवं फूलों की खेती करते हैं, वह अपने उत्पाद नजदीक लगते कस्बे व शहरों में बेच सकते हैं। इनकी बिक्री के लिए किसानों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। क्योंकि दुकानदार खुद ही फूलों की खेती करने वाले किसानों से सम्पर्क कर लेते हैं।

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जिला बागवानी अधिकारी डॉ. सोलंकी ने बताया कि उक्त योजना के अलावा किसान अमरूद, निम्बु वर्गीय पौधों की बागवानी कर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं। सरकार द्वारा इस तरह के पौधों की बागवानी करने वाले किसानों को प्रोत्साहन के रूप में प्रथम वर्ष अधिकतम 6198 रुपये की राशि प्रदान की जाती है।

 दूसरे वर्ष जब पौधे कुछ बड़े हो जाते हैं तब 2066 रुपये की राशि तथा तीसरे वर्ष भी इतनी ही राशि किसान को प्रोत्साहन के रूप में दी जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रोत्साहन राशि प्रति एकड़ के हिसाब से उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने जिला के किसानों से परंपरागत खेती की जगह बागवानी की खेती कर अच्छा लाभ कमाने की अपील की।