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Black Turmeric: काली हल्दी की खेती कर कमाएं लाखों रुपये, एक किलो का रेट है 5 हजार, जानें डिटेल्स

Black Turmeric Farming : हल्दी कई प्रकार की होती है। एक तो हम घर में प्रयोग करते है, पीले रंग की हल्दी। यह काले रंग में भी होती है। इसके औषधीय गुण पीली से भी कहीं ज्यादा होते हैं। आज हम बात करेंगे इसकी खेती की (Black Turmeric Farming) । इसकी खेती कर किसान लाखों रुपये कमा रहे हैं। जानिए इसके बारे में 
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HR Breaking News, New Delhi : सरकार किसानों के लिए कई प्रकार की योजनाओं को चला रही है। इससे सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इससे बड़े स्तर पर किसानों को फायदा भी मिल रहा है। इसके अतिरिक्त सरकार परांपरागत खेती के स्थान पर किसानों को आधुनिक खेती की ओर किसानों का प्रोत्साहित कर रही है। लाखों किसान आधुनिक प्रकार खेती कर करोड़ों का फायदा ले रहे हैं। कोरोना काल के दौरान लोगों का रुझान आयुर्वेद की ओर जाने लगा।  इससे बड़े स्तर पर लोगों को फायदा भी देखने को मिला। इनमें से एक औषधि ने अपना बड़े स्तर पर फायदा दिखाया, यह है हल्दी। यह भी कई प्रकार की होती है। एक तो हम घर में प्रयोग करते है, पीले रंग की हल्दी। यह काले रंग में भी होती है। इसके औषधीय गुण पीली से भी कहीं ज्यादा होते हैं। आज हम बात करेंगे इसकी खेती की (Black Turmeric Farming) । इसकी खेती कर किसान लाखों रुपये कमा रहे हैं। जानिए इसके बारे में 

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 काली हल्दी की खेती (Black Turmeric Farming) आपको मोटा मुनाफा दे सकती है। काली हल्दी के पौधे की पत्तियों में बीच में एक काली धारी होती है। इसका कंद अंदर से कालापन लिए हुए या बैंगनी रंग का होता है। काली हल्दी के बहुत सारे औषधीय गुण (Medicinal Benefits of Black Turmeric) होने के चलते इसकी कीमत (Price of Black Turmeric) बहुत अधिक होती है। इसकी खेती से किसान मोटा मुनाफा (profit in Black Turmeric Farming) कमा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे की जाती है काली हल्दी की खेती और कितना होता है मुनाफा।

 काली हल्दी के फायदे  


काली हल्दी का इस्तेमाल सबसे अधिक औषधि के रूप में होता है। कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट बनाने में भी काली हल्दी इस्तेमाल की जाती है। इतना ही नहीं, भारत में काली हल्दी का इस्तेमाल जादू-टोने और तंत्र-मंत्र में भी होता है। निमोनिया, खांसी, बुखार, अस्थमा आदि में इसका उपयोग होता है। इससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के लिए दवा भी बनाई जाती है। इसके अलावा काली हल्दी का माथे पर लेप माइग्रेन से राहत देता है। ल्यूकोडार्मा और मिर्गी जैसे रोगों में भी काली हल्दी बहुत ही उपयोगी होती है। काली हल्दी से ना सिर्फ दवाएं बनती हैं, बल्कि सुंदरता बढ़ाने वाले बहुत से प्रोडक्ट भी बनते हैं। इसे दूध के साथ मिलाकर चेहरे पर लेप भी लगाया जाता है, जिससे निखार आता है।


कब और कैसे की जाती है खेती


काली हल्दी की खेती जून के महीने में की जाती है। इसकी खेती भुरभुरी दोमट मिट्टी में अच्छी होती है। इसकी खेती करते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि खेत में बारिश का पानी ना रुके। एक हेक्टेयर में काली हल्दी के करीब 2 क्विंटल बीज लग जाते हैं। काली हल्दी को अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि बारिश से इसकी जरूरतें पूरी होती रहती हैं। इसकी खेती में कोई कीटनाशक भी इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि इसमें कीट नहीं लगते हैं। हालांकि अच्छी पैदावार के लिए खेती से पहले ही अच्छी मात्रा में गोबर की खाद डालने से हल्दी की पैदावार अच्छी होती है।

काली हल्दी से होता है कितना मुनाफा


क एकड़ में काली हल्दी की खेती से कच्ची हल्दी करीब 50-60 क्विंटल यानी सूखी हल्दी का करीब 12-15 क्विंटल तक का उत्पादन आसानी से मिल जाता है। काली हल्दी की खेती में उत्पादन भले ही कम हो, लेकिन इसकी कीमत बहुत अधिक होती है। काली हल्दी 500 रुपये के करीब आसानी से बिक जाती है। ऐसे भी किसान हैं, जिन्होंने काली हल्दी को 4000 रुपये किलो तक बेचा है।

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इंडियामार्ट जैसी ऑनलाइन वेबसाइट पर आपको काली हल्दी 5000 रुपये तक में बिकती हुई मिल जाएगी। अगर आपकी काली हल्दी सिर्फ 500 रुपये के हिसाब से भी बिकी तो 15 क्विंटल में आपको 7.5 लाख रुपये का मुनाफा होगा। अगर आप लागत की करें तो इसमें बीज ही सबसे महंगा पड़ेगा। अगर मान लें कि बीज, जुताई, सिंचाई, खुदाई सब में आपका 2.5 लाख रुपये तक का खर्चा भी हो जाता है तो भी आपको 5 लाख रुपये का मुनाफा होगा। वहीं अगर आपको ऐसे ग्राहक मिल गए जो 4000 रुपये किलो तक का भाव देने को तैयार हो जाएं तो आपके वारे न्यारे ही समझिए। हालांकि, ऐसे ग्राहक बहुत ही कम होते हैं और ये ग्राहक वैद्य, तांत्रिक जैसे लोग होते हैं, जो हल्दी की फसल में से कुछ खास आकार की हल्दी छांटकर लेते हैं।