Business Idea: रिटायर होने के बाद धोनी से शुरू किया ये बिजनेस, आप भी कमाएं लाखों रूपए
HR Breaking News, नई दिल्ली, Kadaknath murgi palan: कड़कनाथ मुर्गा पालन (Kadaknath Murga) कमाई का बेहतरीन जरिया बन सकता है. इस मुर्गे की खासियत है कि यह पूरी तरह से काला होता है और इसका मांस और खून भी काले रंग का होता है. कड़कनाथ मुर्गे का मांस सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसकी डिमांड काफी अधिक है, जिसकी वजह से कड़कनाथ मुर्गे का पालन करने वालों को बहुत प्रॉफिट होता है.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी कड़कनाथ मुर्गा पालन करते हैं. इसका कारोबार कर आप लाखों रुपये कमा सकते हैं. इन मुर्गों को आप बड़ी संख्या में खरीदकर इसका बिज़नस कर सकते हैं. मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में कड़कनाथ मुर्गे को बड़ी संख्या में लोग पालते हैं. ऐसे में आप यहां से कड़कनाथ चूजों को खरीद सकते हैं.
किसान भाईयों के लिए जरूरी सूचना
एक कड़कनाथ चूजे की कीमत तकरीबन 200-300 रुपये तक के बीच में होती है. वहीं इसके रेट की बात करें तो यह 1500 रुपये किलो तक आसानी से बिकता है. इस मुर्गे में बहुत औषधीय गुण भी होते हैं और इसमें कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी बहुत कम होती है, जिसकी वजह से लोग इसका मांस काफी पसंद करते हैं.
किसान भाईयों के लिए जरूरी सूचना
मांस के साथ-साथ कड़कनाथ मुर्गी के अंडे से भी आपको अच्छी खासी कमाई होगी. एक अंडे के रेट की बात करें तो यह 20-30 रुपये तक आसानी से बिक जाता है. वहीं, आम मुर्गी का अंडा 5-7 रुपये में बिकता है. सर्दी के समय मांस और अंडों की खपत बढ़ती है, जिसकी वजह से मुनाफे के भी बढ़ने की संभावना रहती है.
इसके पालन के लिए आपको पोल्ट्री फार्म खोलना होगा. यह आप अपने गांव या फिर शहर के बाहरी हिस्से में ही खोल सकते हैं. पोल्ट्री फार्म को हमेशा जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर ही बनाएं, जिससे यदि कभी इलाके में बारिश हो तो पानी अंदर न घुसे. वहीं, फार्म में तापमान, रोशनी और भोजन व पानी की पूरी व्यवस्था रखें.
किसान भाईयों के लिए जरूरी सूचना
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद महेंद्र सिंह धोनी ऑर्गेनिक खेती और पोल्ट्री फार्मिंग कर रहे हैं. धोनी के पास बड़ा सा फार्म हाउस है. जहां वे कड़कनाथ कड़कनाथ मुर्गा पालन भी करते हैं. धोनी ने जब कड़कनाथ मुर्गे का पालन शुरू किया था, तब उन्होंने दो हजार से अधिक कड़कनाथ चूजों का ऑर्डर दिया था. तकरीबन महीनेभर बाद उन्हें इन चूजों की डिलिवरी मिल भी गई थी. उन्होंने मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले से ही कड़कनाथ चूजों का ऑर्डर दिया था.