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Rain in Haryana हरियाणा के इन इलाकों में अगले 3 दिनों तक होगी जोरदार बारिश, अलर्ट जारी

Mausam Ki Jankari सावन के शुरू होते ही वीरवार को मौसम (mosam) ने करवट ले ली। जिसके चलते हरियाणा (haryana) के कुछ इलाकों में हल्की बारिश (barish) देखने को मिली। मौसम विभाग (mosam vibhag) के द्वारा जारी ताजा मौसम रिपोर्ट (weather report) के अनुसार हरियाणा (haryana) के कुछ इलाकों में आने वाले 3 दिनों तक जोरदार बारिश (heavy rain) होने के आसार है। जिसको लेकर विभाग द्वारा येलो अलर्ट (yellow alert) जारी कर दिया गया है। 
 
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HR Breaking News, डिजिटल डेस्क हरियाणा, राज्य के कई हिस्सों में बारिश की गतिविधियां फिर से आरंभ हो चुकी हैं. मगर मानसून के आने के बावजूद भी उस तरह की बारिश नहीं हुई है जिसकी उम्मीद की जा रही थी. बीते कुछ दिनों में बारिश कुछ जिलों में देखी गई. मौसम विभाग ने नया मौसम पुर्वानुमान जारी किया है. वहीं, आने वाले दिनों में बारिश की संभावना जताई है. बता दें कि यह मौसम पूर्वानुमान कृषि मौसम विज्ञान विभाग, चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने जारी किया है.


क्यों नहीं हो रही बारिश
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि मानसून टर्फ़ अब भी जैसलमेर कोटा, गुना, दमोह से होता हुआ बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है तथा इसकी अक्षय रेखा सामान्य स्थिति से दक्षिण की तरफ बनी हुई है. जिस से बंगाल की खाड़ी की तरफ से मानसूनी हवाएं राज्य की तरफ ज्यादा नहीं बढ़ पा रही है. जिस वजह से बारिश कम देखने को मिल रही है.

 


तीन दिन होगी हल्की बारिश
राजस्थान के ऊपर एक साईक्लोनिक सरकुलेशन बनने से अरब सागर की और से नमी वाली हवाओं से हरियाणा राज्य में अगले तीन दिनों 15 से 17 जुलाई में भी मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने तथा कहीं कहीं हल्की बारिश की भी संभावना है. इस दौरान उत्तर हरियाणा के कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश भी संभावित है.


बता दें कि अरब सागर से नमी वाली मानसूनी हवाओं के प्रभाव तथा वातावरण में नमी की अधिकता से हरियाणा राज्य के उत्तर पश्चिमी एवम दक्षिण क्षेत्रों में कल व आज 14 जुलाई को बारिश दर्ज की गई थी.

 

किसानों को समस्या
रुक-रुक कर बारिश होने की वजह से खेती-बाड़ी का कार्य भी प्रभावित हो रहा है. किसानों का कहना है कि अगर ऐसी ही बारिश होती रही तो वह समय दूर नहीं जब फसलें नष्ट हो जाएंगी. क्योंकि बारिश रुक रुक कर होने की वजह से फसलों को फायदा नहीं होता है. ऐसी स्थिति में किसानों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.