Haryana Pashudhan Bima Yojana 2022 अब आपके पशुओं की सुरक्षा करेगी ये योजना, जानिए पूरा प्रोसेस
जानिए पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत कौन से पशु किए जाते है चयनित ( Haryana Pashudhan Bima Yojana 2022 )
किसी अन्य बीमा योजना के अंतर्गत आने वाले पशु इस योजना के अंतर्गत शामिल नहीं होंगे। सब्सिडी का लाभ प्रति लाभार्थी पांच बड़े पशुुओं या दस छोटे पशु तक सीमित किया गया है और अधिकतम तीन वर्ष की अवधि तक एक पशु के एकमुश्त बीमा के लिए दिया जाना है। योजना में दो प्रकार पशुओं का बीमा किया जाना है। बड़े पशु और छोटे पशु, बड़े पशुओं में अधिकतम पांच गाय, बैल, भैंस, घोड़ा, गधा, ऊंट, खच्चर, और छोटे पशुओं मं ेबकरी, भेड़, सूकर, खरगोश इत्यादि का चयन किया गया है। पशु बीमा हेतु पशु की आयु का निर्धारण किया गया है जैसे कि दुधारु गाय देशी व सकर क्रास ब्रीड के लिये 2-9 वर्ष, दुधारु भैंस, बैल, भैंसा, सान्ड (प्रजनन हेतु) के लिये 3-10 वर्ष, भारवाहक पशु घोड़ा, गधा, ऊंट, खच्चर के लिये 2-8 वर्ष , बकरी, भेड़, सूकर के लिये 1-4 वर्ष है ।
प्रत्येक परिवार पांच युनिट पशुओं का बीमा करा सकता है। एक यूनिट से आशय एक बड़ा पशु अथवा दस छोटे पशु से है। एक परिवार से आशय पति-पत्नी और आश्रित बच्चों से है। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति/बीपीएल को एक वर्ष या 3 वर्ष के लिये 30 प्रतिशत प्रीमियम के साथ तथा/ एपीएल को 50 प्रतिशत प्रीमियम के साथ बीमा कराने का अवसर प्रदान किया गया है। एक साल के लिये प्रीमियम की दर 2.92 प्रतिशत व 3 साल के लिये 7.34 प्रतिशत रहेगी।
जानिए किन हादसों में मिलता है पशु बीमा क्लेम (Haryana Pashudhan Bima Yojana 2022 )
बीमा कवरेज- इस योजना के अंतर्गत कवरेज पशु की बीमारी से मृत्यु एवं दुर्घटना मृत्यु को शामिल किया गया है। पशु की बिमारी से मृत्यु या सामान्य मृत्यु का कवरेज बीमा कराने के 15 दिन पश्चात ही प्रारम्भ होगा। बीमा हो जाने के पश्चात प्रारम्भिक 15 दिवस के अंदर केवल दुर्घटना मृत्यु जैसे वाहन से टकराना, बिजली का करंट लगना। आग लगना प्राकृतिक आपदा का शिकार हो जाना इत्यादि का कवरेज शामिल किया गया है। पशु की चोरी का कवरेज शामिल नहीं किया गया है।
1. पशु का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र ( पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा देय)।
2. आधार कार्ड की छायाप्रति।
3. प्रीमियम राशि-बीमाकर्ता का हितग्राही अंश।
4. अनुसूचित जाति/अनु. जन जाति/ बीपीएल प्रमाण पत्र (सामान्य वर्ग पर लागू नही)।
5. पशु का टैग सहित लाभार्थी के साथ फोटो एवं पशु के चारंो तरफ से साफ फोटो।
6. लाभार्थी को पशु के जीवित अवस्था के दौरान लगाये गये टेग के चित्र की छायाप्रति अपने पास सुरक्षित रखना अनिवार्य है ।
इस योजना के तहत, संकर नस्ल और उच्च उपज देने वाले मवेशियों और भैंसों का उनके वर्तमान बाजार मूल्य पर बीमा किया जाता है, जिसका मूल्यांकन लाभार्थी, अधिकृत पशु चिकित्सक और बीमा एजेंट द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। एक पशु का उसके वर्तमान बाजार मूल्य के अधिकतम मूल्य पर बीमा किया जा सकता है।
पॉलिसी लेते समय ईयर टैगिंग की पारंपरिक विधि हालिया तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। पहचान चिह्न लगाने का खर्च बीमा कंपनियों द्वारा वहन किया जा सकता है या पशु चिकित्सालय से प्राप्त टैग का इस्तेमाल किया जा सकता है । बीमा की वैधता अवधि के दौरान पशु की बिक्री या अन्यथा पशु को एक मालिक से दूसरे में स्थानांतरित करने के मामले में, बीमा पॉलिसी की समाप्ति से पहले, पॉलिसी की शेष अवधि के लिए लाभार्थी का अधिकार नए मालिक को स्थानांतरित करना होगा।
पशु की मृत्यु होने की दशा में लाभार्थी द्वारा अपने निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी को तुरंत सूचना दें एवं बीमा कम्पनी को सूचना देने के उपरांत मृत पशु के शव को अधिकतम 24 घंटे तक बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि के निरीक्षण हेतु सुरक्षित रखा जाना होगा। पोस्ट मोर्टम की कॉपी देना आवश्यक है (पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा देय) पशु टैग का जमा कराना एवं मृत पशु का टैग सहित फोटो देना आवश्यक है पासबुक की सत्यापित छाया प्रति देना आवश्यक है। किसी भी प्रकार की दुर्घटना से पशु मृत्यु की स्थिति में अपने नजदीकी पुलिस थाना/चौकी में सूचित करना अनिवार्य है। अगर पशु की मृत्यु पशु चिकित्सालय में हुई हो तो विभागीय ओपीडी की स्लीप देना आवश्यक है।